मणि पर्वत, अयोध्या

रामायण में इस बात का उल्‍लेख किया गया है कि जब भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्‍मण को मेघनाद ने युद्ध के दौरान घायल कर दिया था तो उनहे संजीवनी बूटी की जरूरत थी और हनुमान जी ने संजीवनी बूटी वाला पूरा पहाड़ ही उठाकर ले आए थे। किवंदतियों के अनुसार, पहाड़ का छोटा सा हिस्‍सा यहां गिर गया था।

इस टीले को या पहाड़ी को मणि पर्वत के नाम से जाना जाता है। इस पर्वत के पास में ही एक और टीला स्थित है जिसे सुग्रीव पर्वत कहा जाता है।  मणि पर्वत की ऊंचाई 65 फीट है। यह पर्वत कई मंदिरों का घर है। अगर आप पहाड़ी की चोटी पर खड़े होते है तो पूरे शहर और आसपास के क्षेत्रों का मनोरम दृश्‍य नजर आता है।

यह माना जाता है कि भगवान बुद्ध, अयोध्‍या में 6 साल रूके थे और उन्‍होने मणि पर्वत पर ही अपने शिष्‍यों को धर्म का ज्ञान दिया था। इस पर्वत पर सम्राट अशोक के द्वारा बनवाया एक स्‍तुप है। इस पर्वत के पास में ही प्राचीन बौद्ध मठ भी है। टीले के निचले हिस्‍से में एक मुस्लिम कब्र यार्ड भी बना हुआ है।