महाभारत युद्ध के बाद क्या हुआ था योद्धाओं की विधवाओं के साथ?

बहुत से लोगों के मन में यह सवाल है कि महाभारत युद्ध में कई योद्धाओं ने भाग लेकर अपने प्राणों का बलिदान दिया था और जब महाभारत युद्ध समाप्त हो गया था तो महाभारत में विधवा औरतें अपने पतियों की याद में दिन रात रोया करती थी तो उनके साथ क्या हुआ था. जी हाँ, ऐसे में आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं जो एक पौराणिक कथा है. आइए जानते हैं.

पौराणिक कथा – जब इस बात का पता श्री कृष्ण को पता लगा तो कृष्ण ने सभी औरतों को इकठ्ठा किया और गंगा नदी के किनारे दिव्य दृष्टि के माध्यम से सभी औरतों को अपने अपने पति से मिलवाया था और उनको स्वर्ग दिखाया था. इसके बाद श्री कृष्ण ने विधवाओं के पतियों को वापस स्वर्ग भेज दिया था. उन विधवा औरतों ने श्री कृष्ण भगवान से प्रार्थना की हम भी स्वर्ग में ही जाना चाहते है.

श्री कृष्ण भगवान ने उनकी प्रार्थना को स्वीकार किया. उन सभी महिलाओं को गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए कहा. जिन महिलाओं ने गंगा में डुबकी लगाई वह सारे पाप कर्म धोकर स्वर्ग को प्राप्त हो गई. फिर अगले दिन एक नई सुबह की किरण ओर एक नए सवेरे की शुरुआत हुई. जिसके बाद में राजा परीक्षित और पाडवों के स्वराज स्थापना स्थापित की थी.

ऐसे बची थी पांडव वंश के आखिरी राजा की जान
इस वजह से माँ पार्वती के इस अवतार के पैरों के नीचे लेट गए थे भोलेनाथ

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