माँ संतोषी का व्रत दिलाता है ग्रहों से शांति

यह व्रत मानव के जीवन में सुखद चक्रण लाता है.इस व्रत को करने का मूल उद्देश होता है नवग्रहों की शान्ति. जो भी जातक इस व्रत को बड़े ही नियम व संयम के साथ करता है .तो उसकी जन्म कुण्डली में होने वाले सभी ग्रह दोष समाप्त हो जाते है उसके जीवन में चल रही अशुभ दशा भी दूर हो जाती है .

इस वार के करने से मानव के जीवन में शांति व् गृह दोष से निवृति मिल जाती है. उसके कार्य मंगलमय होने लगते है . जिस तरह दिन सोमवार शिव , मंगलवार श्री हनुमान जी , बुधवार बुध देव के लिए गुरुवार साईबाबा और वृहस्पति देव के लिए उसी तरह यह शुगरवार का व्रत माँ संतोषी के लिए किया जाता है. इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-संमृ्द्धि आती है .

यह शुक्रवार का व्रत शुक्र देव के साथ साथ संतोषी माता तथा वैभव लक्ष्मी देवी माँ के लिए भी किया जाता है. आप किसी एक के लिए व्रत कर सकते है आपको उतना ही फल प्राप्त होगा .बस सबके लिए वर्त विधि अलग अलग है .इनकी कथाओं का वर्णन अलग अलग है

यदि जातक इस शुक्रवार के व्रत को नियम के साथ पूर्ण करता है. तो उसे धन, विवाह, संतान, भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. यदि आप इस व्रत को करना चाहें तो किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार के दिन से शुरू कर सकते है.

शुक्रवार व्रत विधि माँ संतोषी के लिए –

शुक्रवार के दिन जातक को सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्य क्रिया से निवृत तथा अच्छी तरह से अपने घर की साफ सफाई कर उसके बाद स्नान कर लेना चाहिए. और अब माँ संतोषी की प्रतिमा या छवि को सामने रख पूजन करर्ना चाहिए. और इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए की इस दिन आपके घर में कोई खटाई न खाए न ही कहीं से मंगवाई जाए.

क्योंकि माँ संतोषी को इस खटाई से नफ़रत होती है .इस दिन इसका परहेज करना अतिआवश्यक होता है आप माँ के पूजन के बाद कथा पढ़े व् अपने परिवार या अन्य सदस्यों को सुनाएँ इसके पश्चात माँ को गुड और चना का भोग लगाएं और ऐसे पकवान या फल का भी भोग लगाये जो खट्टे न होते हों माँ को हलवा और पूरी का भी भोग लगा सकते है .

यदि आप इसी क्रम के साथ 16 शुक्रवार तक इस व्रत का नियम व संयम से पालन करते है.तो आप देखेगें की आपको अवश्य रूप से फल की प्राप्ति हुई है. जीवन सम्पनता से जुड़ जाएगा आपके बिगड़े काम बन जायेगे जीवन में शांति व वैभव का भंडार भरा रहेगा आपके जीवन की हर एक कामना पूर्ण होगी.

शनि देव ने काटे कष्ट और क्लेश
इन काम को करने से प्रसन्न होती है माँ लक्ष्मी

Check Also

इन लोगों से सदा नाराज रहते हैं बजरंगबली

आज यानी 23 अप्रैल 2024 मंगलवार के दिन देशभर में हनुमान जयंती का पर्व बड़े …