भगवान श्री गणेश की इस तरह से करें आराधना

भगवान श्री गणेश जी बुद्धि के देवता माने जाते हैं। वे अपने श्रद्धालुओं को रिद्धि और सिद्धि का वरदान प्रदान करते हैं। हर शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान श्री गणेश का पूजन किया जाता है। भगवान का आहवान किया जाता है। भगवान भी अपने कार्यों को बिना किसी विघ्न से पूर्ण करने हेतु श्री गणेश जी की अर्चना करते हैं। देवगणों द्वारा उनके पूजन का विधान तैयार किया गया है। त्रिपुरासुर का वध करने के पहले भगवान शिव ने श्री गणेश का पूजन कर उन्हें लड्डूओं का भोग लगाया था। और इसके बाद त्रिपुरासुर पर हमला किया था।

उनका मनोरथ पूर्ण हो गया था। हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश विघ्नहर्ता और विभिन्न परेशानियों को समाप्त करने वाले है। पुराणों में श्री गणेश जी की भक्ति शनि देव समेत विभिन्न ग्रहदोषों को दूर करने वाली कही है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री गणेश जी की आराधना से सुख – समृद्धि बढ़ती है। विभिन्न बाधाऐं दूर होती हैं। भगवान श्री गणेश जी की आराधना करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

भगवान श्री गणेश का पूजन प्रातः काल कर भगवान श्री गणेश के मंत्र ऊॅं गं गणपतये नमः। का मनन करें । इसके साथ श्री गणेश यंत्र को मिट्टी, दूध, पानी, नींबू, पानी, पंचामृत, नमक से धोऐं। पूजन स्थल पर पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुख कर आसन पर विराजित हों, ऐसे में श्री गणेश यंत्र की स्थापना करें। शुद्ध आसन पर बैठकर भगवान पूजन सामग्री को एकत्रित करें, पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली, लाल चंदन, मोदक आदि से भगवान श्री गणेश जी की आरती करें। भगवान श्री गणेश जी का स्मरण कर पूर्ववर्ती मंत्र का 108 बार मनन करें। भगवान श्री गणेश जी ऐसे में प्रसन्न होकर व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण करते हैं।

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