पितरेश्वर पर्वत पर हो रघ है हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव

जीवन में आध्यात्म का होना बहुत ही आवश्यक है. शिव पुराण जीव को शिव बनाने की कला को सिखाता है. वहीं, शिव बनने की महायात्रा का प्रारंभ स्वयं को भोलेनाथ को समर्पित कर उनके दास बना कर ही शुरू होती है. उनकी मर्जी में अपनी हर इच्छा को समाहित कर दें तो भीतर की ये यात्रा प्रारम्भ हो जाएगी. एक बार ये यात्रा प्रारम्भ हो जाए तो फिर जगत की मोहमाया आपको परेशान नहीं करती हैं.

यह बात महामंडलेश्वर साध्वी कनकेश्वरी देवी ने बीते मंगलवार को पितरेश्वरधाम पितर पर्वत पर कही गई हैं. यह उन्होंने पितरेश्वर हनुमान के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को संबोधित करते हुए कही थीं. इससे पहले रामकथा में उत्तम स्वामी महाराज ने भगवान राम को भारत की संस्कृति का आधार बताया था. उन्होंने बताया  कि भगवान राम से भी बड़ा उनका नाम है. उनका नाम जहां भी लिया जाता है, वहां किसी ना किसी रूप में हनुमानजी अवश्य ही पहुंच जाते हैं.

वहीं, यहां तो वे अपने उस विराट स्वरूप में हैं, जिसका स्मरण जामवंतजी ने उन्हें करवाया था. पितर पर्वत पर बीते मंगलवार को दिनभर साधु-संतों के साथ लोगों का आना-जाना लगा रहा था. इस बीच दर्शन-पूजन के साथ सेल्फी भी ली जा रही थी. सभी लोगों ने लाइट शो का भी आनंद लिया था. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा, सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, पूर्व विधायक राजेश सोनकर, भाजपा नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा, हरिनारायण यादव, चंदू शिंदे, सुमित मिश्रा, राजा कोठारी आदि  भी इस आयोजन में मौजूद थे. वहीं, प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का समापन 3 मार्च को नगर भोज के साथ होगा.

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