मुस्लिम धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र माना गया हज यात्रा

हज के बारे में किसने नहीं सुना होगा। यह मुस्लिम धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र माना गया है। चंद्र इस्लामिक कैलेंडर के आधार पर हज लगभग 5 से 6 दिनों तक चलता है। कहा जाता है कि एक व्यस्क मुस्लमान को अपने पूरे जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा जरूर करनी चाहिए। सऊदी अरब के मक्का में होने वाली हज यात्रा में हर वर्ष लाखों मुस्लमान शामिल होते हैं। लेकिन इस बार की स्थिति कुछ अलग है। कोरोना महामारी के चलते इस बार हज यात्रा के लिए कुछ सीमित लोगों को ही इजाजत दी गई है। सिर्फ यही नहीं, इस बार केवल सऊदी के लोग ही हज यात्रा कर पाएंगे। देश के बाहर से आने वाले यात्रियों को मक्का में आने की इजाजत नहीं होगी।

हज यात्रा के लिए कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं जो निम्नलिखित हैं:

1. हज यात्रियों को केवल जमजम कुएं का पवित्र पानी ही पीने के लिए दिया जाएगा। यह पानी बोतल में पैक कर दिया जाएगा।

2. जिन कंकड़ियों से शैतान को मारा जाता है उन्हें भी सैनिटाइज किया जाएगा।

3. नमाज पढ़ते समय जिन मुसल्ले को बिछाकर नमाज अदा की जाती है वो भी लोगों को खुद ही लानी होगी।

4. लोगों को एक-दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखनी होगी।

5. हज यात्रियों को मास्क लगाना होगा।

6. हज यात्रा करने आए लोगों को कोरोनावायरस की जांच करानी होगी और पृथकवास में रहना होगा।

सऊदी अरब के हज मंत्री डॉ. मुहम्मद सालेह बिन ताहेर बेन्तेन का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए कोरोना महामारी के कारण यह अहम फैसला लिया गया है। दूसरे देश के लोग इस बार हज यात्रा में शामिल नहीं हो पाएंगे। लेकिन अगर कोई विदेशी देश में ही रह रहा है तो उन्हें हज करने की इजाजत होगी। इस बार हज यात्रा जुलाई के अंत में शुरू होगी। बता दें कि सऊदी में कोरोनावायरस से अब तक 2.13 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं 1,968 लोगों की मौत हो चुकी है।

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