जानें क्यों किया जाता है मांस खाने वाले सांप की पूजा, ये हैं वजह

प्रति वर्ष सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के रूप में पूरे देश में काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस बार नाग पंचमी का त्यौहार 25 जुलाई को आ रहा है। नाग पंचमी का त्यौहार साथ ही हमे इस बात की जानकारी भी देता है कि सर्प हमारे मित्र है न कि मानव जाति के दुश्मन। खेतों की रक्षा (चूहे और कीड़ों को खाना) करने के कारण इन्हें ‘क्षेत्रपाल’ भी कहा जाता है और इसी कारण ये पूजनीय भी माने जाते हैं। इतना ही नहीं ये भगवान शिव के गले में विराजित होकर अपनी शोभा को और भी अधिक बढ़ा लेते हैं।

सर्प को पूजने का एक बड़ा कारण यह भी है कि सृष्टि के पालनहारी भगवान विष्णु नागदेवता की शय्या पर ही विश्राम करते हैं। सर्पों से जुड़ी ख़ास बात यह भी है कि ये अधिकतर मांसाहारी होते हैं और ये सामान्य तौर पर चूहे, कीड़े और भूमि के नीचे पाए जाने वाले जीव-जन्तुओ को अपना शिकार बनाते हैं। इतना ही नहीं सांप की कई प्रजाति तो ऐसी भी है जो अपनी शिकार को पूरी तरह से निगल भी जाती है। जानकारी की माने तो सर्प खुद से दोगुना बड़े शिकार को भी निगल सकते हैं।

दुनियाभर में सर्पों की कई तरह की प्रजाति पाई जाती है। जिनमे कि किंग कोबरा और एनाकोंडा प्रमुख रूप से शामिल है। इनमे किंग कोबरा सांप ऐसा है जो कि कई दिनों तक बिना कुछ खाए भी जीवित रह सकता है।

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