रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के साथ रामनगरी के विकास की असीम संभावनाएं प्रशस्त हो रही हैं। नई अयोध्या का खाका खींचा जाने लगा है। हालांकि, अयोध्या के नवनिर्माण का मास्टर प्लान अभी अंतिम स्पर्श नहीं पा सका है, पर सूत्रों के अनुसार नगर के सभी प्रमुख मार्गों, प्राचीन स्थलों और मंदिरों का सुंदरीकरण कराया जाएगा।इसके तहत अयोध्या के सीमा विस्तार की भी तैयारी की गई है। गत वर्ष नौ नवंबर को सुप्रीम फैसला आने के बाद जहां रामनगरी को उसकी पारंपरिक 14 कोस की परिधि में विकसित करने की तैयारी शुरू हुई, वहीं अब मंदिर निर्माण की शुरुआत के साथ इसे और भी विस्तृत रूप देने की तैयारी है और इसकी परिधि में सरयू के उस पार बस्ती जिला के विक्रमाजोत ब्लॉक और गोंडा के नवाबगंज ब्लॉक के भी कई गांव शामिल करने की योजना है। रामनगरी की सीमा को चार प्रवेश द्वार से सज्जित करने की भी तैयारी है। प्रत्येक प्रवेश द्वार एक करोड़ की लागत से बनेगा।

लोकार्पण के लिए तैयार बस स्टेशन

सात करोड़ 34 लाख की लागत से स्थानीय बस स्टेशन बनकर तैयार है। इसी माह के अंत तक लोकार्पण की तैयारी है। नगर निगम की ओर से यहां यात्रियों के लिए स्मार्ट शेल्टर विकसित करने की भी योजना बनायी जा रही है। इसमें चार करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है।

रेलवे स्टेशन का 104 करोड़ से हो रहा कायाकल्प

दो वर्ष पूर्व अयोध्या रेलवे स्टेशन को वैश्विक स्तर की सुविधा से युक्त करने के लिए 104 करोड़ की योजना पर अमल शुरू हुआ। रेलवे स्टेशन के कायाकल्प का कार्य जून 2021 तक पूरा होना है।

एयरपोर्ट के लिए क्रय की जा रही भूमि

दो वर्ष पूर्व से ही अयोध्या को श्रीराम एयरपोर्ट से भी सज्जित करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए फैजाबाद शहर से ही सटे धर्मपुर, गंजा और जनौरा गांव की 106 एकड़ भूमि क्रय की जाएगी। भूमि के लिए शासन से पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी हो गई है और प्रशासन ने एयरपोर्ट के लिए भूमि खरीदना शुरू भी कर दिया है।

पीएम, सीएम का पूरा ध्यान अयोध्या के विकास पर 

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बेहद गंभीर हैं। इसका परिणाम है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से अयोध्या को जोड़ा जा रहा है, वहीं वाराणसी से भी सीधे अयोध्या तक हाईवे बन रहा है। इसके अलावा अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के गठन को भी बस कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है।

दुनिया में सबसे ऊंचे होंगे अयोध्या के राम

यह मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस योजना के तहत भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित की जानी है। यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। प्रतिमा के साथ डिजिटल म्यूजियम, इंटरप्रिटेशन सेंटर, रामलीला सेंटर, रामकथा गैलरी, ऑडिटोरियम आदि के निर्माण की भी योजनाएं प्रस्तावित हैं। इस योजना के लिए सरयू तट पर भूमि चिह्नति करने के साथ सौ करोड़ से उसकी खरीद की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।