यहां हुई थी भगवान राम और विभीषण की पहली मुलाकात

रामेश्वरम धाम एक तीर्थस्थान के रूप में प्रसिद्ध है। बता दें कि यह भगवान के चार धाम में से एक धाम है लेकिन बहुत कम लोग ही हैं जो यहाँ की महिमा और शक्ति से रूबरू हैं। वहीं, तमिलनाडु और भारत के दक्षिण में स्थित रामेश्वरम धाम को पाप की मुक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान बताया गया है।

आज वेद संसार आपको बताने जा रहा है रामेश्वरम धाम से जुड़ी 10 अनसुनी बातें –

• रामेश्वरम धाम तमिलनाडु प्रांत के रामनाथपुरम जिले में स्थित है, जहां रविराजित शिवलिंग को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बताया गया है। बस इसी बात से साबित हो जाता है कि रामेश्वरम धाम की महिमा कितनी महान है।

• कहते हैं कि जब भगवान श्रीराम रावण से युद्ध करने जा रहे थे तो राम को इस बात का एहसास हुआ कि अगर भगवान शिव को प्रसन्न नहीं किया गया तो रावण से युद्ध जीतना मुमकिन नहीं हो पाएगा। ऐसे में राम ने समुद्र किनारे शिवलिंग की स्थापना की और भगवान शिव की आराधना की थी और वह स्थान रामेश्वरम धाम कहलाने लगा।

• आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंदिर के अंदर मीठे जल के 24 कुएं मौजूद हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन जल कुंडों का निर्माण भगवान राम ने अपने बाण से किया था। भले आज 2 जल कुंड सुख गये हो किन्तु बाकी अभी भी सुरक्षित हैं। इनके जल से व्यक्ति के जन्मों-जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं।

• रामेश्वरधाम से जुड़ी एक कहानी यह भी है कि जब युद्ध खत्म हुआ तो भगवान राम ने इस स्थान पर शिव पूजा करने का मन बना लिया था। ऐसे में हनुमान जी को शिवलिंग लाने का काम सौपा गया। हनुमान जी शिवलिंग लेने कैलाश पर्वत गए थे और यहां पूजा का मुहूर्त का समय निकलते जा रहा था। फिर क्या माता सीता ने रेत का शिवलिंग बनाया और राम जी की पूजा समय पर करवाई।

• उधर इस बात से हनुमान को बहुत दुःख पहंचा क्योंकि वह काफी दूर से शिवलिंग लेकर आए थे। तब राम ने हनुमान की भावनाओं को समझा और आदेश दिया था कि आप रेत के शिवलिंग को खत्मकर अपना शिवलिंग यहीं लगा दें। गौरतलब है कि हनुमान जी रेत के शिवलिंग को यहां से हटा नहीं पाए थे, तभी हनुमान अपनी गलती समझ गए थे।

• अगर आप शिवपुराण पढ़ते होंगे तो उसमें भी रामेश्वरम धाम की महिमा का गुणगान किया गया है। शिवपुराण में बताया गया है कि यह धाम कितना खास और महत्वपूर्ण है।

• यही नहीं, रामेश्वरम धाम को जिस तरह से बनाया गया है वह भी देखने लायक चीज़ है। यहाँ की कलाकारी को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और काफी सराहना करते हैं। वहीं, भारत के लोगों की तुलना में विदेशी लोगों की संख्या कई बार ज्यादा ही होती है।

• दूसरी ओर अगर कोई व्यक्ति रामेश्वरम धाम में जाकर शिव का अभिषेक करता है तो उसके साथ-साथ उसकी सात अन्य पीढ़ियों का भी भगवान पार करते हैं। यहाँ जाने से जिव को आवागमन से भी मुक्ति मिल जाती है।

• रामेश्वरम मंदिर के पास ही कई अन्य हिन्दू तीर्थ स्थल हैं, जैसे कि हनुमानकुंड, अमृतवाटिका और बरामतीर्थ आदि। भक्तों का यहाँ जाना भी ज़रुरी बताया गया है।

• बताते चलें कि मंदिर के पास ही एक जगह ऐसी है जिसके बारें में कहा जाता है कि यहाँ राम और विभीषण की पहली मुलाकात हुई थी और आज इस स्थान पर मंदिर बना हुआ है।

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