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जानिये क्या है भागवत धर्म, सुनने मात्र से होता है यह

भगवत धर्म से आशय उस धर्म से है, जिसके उपास्य स्वयं भगवान हों। वहीं इस धर्म की प्राचीनता अनेक तरह से सिद्ध होती है। इसके साथ ही गुप्त सम्राट ‘परम भागवत’ की उपाधि से गौरव का अनुभव करते थे। उनके शिलालेखों में यह उपाधि का उल्लेख उनके नाम के साथ है। वहीं विक्रमपूर्व पहली और दूसरी शताब्दी में भागवत धर्म …

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बप्पा से सुख-समृद्धि की चाह में कही आप यह गलती तो नहीं कर रहे है

किसी भी शुभ काम को करने से पहले हम श्री गणेश की आराधना करते है। कहा जाता है की किसी भी कार्य को करने से पूर्व ही यदि हम भगवान श्री गणेश की आराधना करते है तो वह कार्य बिना किसी विपदा के सम्पूर्ण होता है। श्री गणेश को सभी देवी देवताओ में सर्वोपरि माना जाता है। इसलिए श्री गणेश …

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कर्म मे ही छिपा है मानव का धर्म

कर्म कांडो से ही व्यक्ति अपने जीवन को महान बना सकता है. गीता में भगवान श्री क्रष्ण ने कर्म को महान बताते हुए अर्जुन को अनेकों उपदेश देते हुए युद्ध के लिए कहा पर अर्जुन वहाँ धर्म संकट में पड़ गया जबकि उसे पता था की उसके परिवारिक व्यक्ति ही बुरे कार्य करते हुए उसके खिलाफ एक बड़ा सणयंत्र रच …

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सती का अर्थ पति के प्रति सत्यनिष्ठा

पत्नी की सत्यनिष्ठा पति है हिन्दू धर्म में इसे आदर्श के रूप में देखा गया है। स्त्री संतान को जन्म देती है। बालक/बालिका को प्रारम्भिक संस्कार अपनी माता से ही मिलता है। यदि स्त्री स्वेच्छाचारिणी होगी तो उसकी संतान में भी उस दुर्गुण के आने की अत्यधिक सम्भावना रहेगी। पुरुष संततिपालन का भार उठाने को प्राय: तभी तैयार होगा जब …

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चंदन, पुष्प चढ़ाकर करे भोलेनाथ का पूजन

सोमवार को भगवान भोलेनाथ का वार माना जाता है। यूं तो हर दिन ही भगवान शिव की आराधना और पूजा-अर्चना की जा सकती है  लेकिन सोमवार के दिन  उनकी आराधना करने से  उनका आशीर्वाद तो मिलता ही है, प्रसन्न होकर मनोकामनाओं भी पूरी कर देते है। आज के दिन सोमवार को भगवान शिव को चंदन और पुष्प अर्पित कर मनाया …

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