जानें क्या हुआ जब प्रभु श्रीराम को एक अप्सरा ने दे दिया था श्राप

आज हम आपको बताने जा रहे हैं प्रभु श्रीराम की उस कथा के बारे में जिसमे उनको एक अप्सरा ने श्राप दिया था. आइए जानते हैं.

कथा- देवराज इंद्र का पुत्र और किष्किंधा का राजा बालि या बाली जिससे भी लड़ता था लड़ने वाला कितना ही शक्तिशाली हो उसकी आधी शक्ति बाली में समा जाती थी और लड़ने वाला कमजोर होकर मारा जाता था. बाली ने सुग्रीव की पत्नी और संपत्ति हड़पकर उसको राज्य से बाहर धकेल दिया था. यही कारण था कि प्रभु श्रीराम ने सुग्रीव से अपने बड़े भाई बाली से युद्ध करने को कहा और इसी दौरान श्रीराम ने छुपकर बाली पर तीर चला दिया और वह मारा गया.

बाली ने मरते वक्त अपने पुत्र अंगद को तीन तरह की शिक्षा दी थी. बालि ने कहा, पहली बात ध्यान रखना देश, काल और परिस्थितियों को हमेशा समझकर कार्य करना. दूसरी बात यह कि किसके साथ कब, कहां और कैसा व्यवहार करें, इसका सही निर्णय लेना. अंत में बालि ने तीसरी सबसे महत्वपूर्ण बात कही कि पसंद-नापसंद, सुख-दु:ख को सहन करना और क्षमाभाव के साथ जीवन व्यतीत करना. यही जीवन का सार है. बाली के वध के बाद उसकी पत्नी तारा को बहुत दुख हुआ. तारा एक अप्सरा थी. बाली को को छल से मारा गया. यह जानकर उनकी पत्नी तारा ने श्रीराम को कोसा और उन्हें एक श्राप दिया.

श्राप के अनुसार भगवान राम अपनी पत्नी सीता को पाने के बाद जल्द ही खो देंगे. उसने यह भी कहा कि अगले जन्म में उनकी मृत्यु उसी के पति (बाली) द्वारा हो जाएगी. अगले जन्म में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया था और उनके इस अवतार का अंत एक शिकारी भील जरा (जो कि बाली का ही दूसरा जन्म था) द्वारा किया गया था.

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