कहते हैं कि भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है और इस साल यह व्रत 23 सितंबर 2018 को रखा जाने वाला है. आपको बता दें कि अनंत देव भगवान विष्णु का ही एक नाम है और यही कारण है कि इस दिन भगवान सत्यनारायण का व्रत और कथा का आयोजन सुबह सुबह किया जाता है. उस कथा के दौरान अनंत देव की कथा भी सुनी जाती है और यह बहुत कम लोग जानते हैं कि इस व्रत में अनंत की चौदह गांठ चौदह लोकों की प्रतीत मानी गई हैं. इन सभी में अनंत भगवान विद्यमान हैं.
तो अब आइए जानते हैं कि कैसे करें पूजन – सबसे पहले सुबह-सुबह नहाने के बाद नित्यकर्मों से आजाद होकर कलश की स्थापना कर दें. इसके बाद कलश पर अष्टदल कमल के समान बने बर्तन में कुश से निर्मित अनंत की स्थापना कर दीजिए. अब आगे कुंमकुम, केसर या हल्दी से रंग कर बनाया हुआ कच्चे डोरे का चौदह गांठों वाला ‘अनंत’ भी रख दीजिए. कहते हैं कि इसके बाद कुश के अनंत की वंदना करनी चाहिए और उसमें भगवान विष्णु का आह्वान करना चाहिए तथा ध्यान करके गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से पूजन करना चाहिए. इन सभी के बाद अनंत देव का ध्यान कर शुद्ध अनंत को अपनी दाहिनी भुजा पर बांध लेना चाहिए.
शास्त्रों की मानें तो यह डोरा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला तथा अनंत फल देने वाला माना जाता है और यह व्रत धन-पुत्रादि की कामना करने के बाद रखा जाता है. आपको इस दिन नए डोरे के अनंत को धारण करना चाहिए और पुराने का त्याग कर देना चाहिए. इस व्रत के होने के बाद ब्राह्मण को दान करना चाहिए.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।