कलियुग के देवता कहे जाने वाले पवनपुत्र हनुमान जी, भक्तो की भक्ति से शीघ्र प्रसन्न होने वाले तथा संकट से मुक्त करने वाले देव हैं। उन्होंने मात्र जीवधारियों के ही नहीं बल्कि स्वयं भगवान राम के भी काम संवारे हैं। गुजरात के भावनगर में सारंगपुर नामक स्थान पर विराजमान कष्टभंजन हनुमान की कहानी भी कुछ निराली हैं। उनके नाम से स्पष्ट है, वे अपनी शरण में आए हुए हर भक्त के कष्ट दूर कर देते हैं। वह धरती पर पैदा होने वाले जीवों के साथ ही विभिन्न देवी-देवताओं को भी कष्टों से मुक्त करते हैं।
हनुमानजी के इस मंदिर की सुंदरता का बखान जितना करो उतना काम है। या मंदिर एक प्राचीन किले के मध्य में बना हुआ है। यहां हनुमानजी का दरबार सजा है और लोग अपनी फरियाद लेकर यह आते हैं। इस मंदिर में भगवान करीब 45 किलो सोने और 95 किलो चांदी से बने सिंहासन पर विराजमान है। भगवान का मुकुट उनकी सुंदरता में चार चाँद लगा रहा है। बताया जाता है कि मुकुट भी बेशकीमती हीरे-जवाहरातों से बना है। वह हर समय अपने साथ गदा रखते हैं। उनके साथ वानरों की सेना है जिसके वह नायक हैं।
कष्टभंजन हनुमान की शोभा अनोखी और निराली है। यूं तो इस मंदिर में रोजाना भक्तो का आना लगा रहता है लेकिन शनिवार के दिन यहाँ भक्तो का जनशैलाभ उमड़ता है। ऐसी प्रबल मान्यता है कि कष्टभंजन हनुमानजी के स्मरण, दर्शन, पूजन से शनिदेव का प्रकोप काम हो जाता है। महावीर की कृपा से सभी विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती है। इस मंदिर की एक और खासियत यह है,कि यहां हनुमानजी के चरणों में शनि देव विराजमान हैं लेकिन वह यहां स्त्री रूप धारण किये हुए है। भक्तों का मानना है कि कष्टभंजन हनुमान ने उनके जीवन में अनेक चमत्कार दिखाए है। जो कोई शनिदेव के प्रकोप से पीड़ित होता है, वह कष्टभंजन हनुमान के दर्शन मात्र से उनके प्रकोप से मुक्ति पाता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।