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कब है नवंबर का अगला प्रदोष व्रत

इस बार नवंबर महीने में यह संयोग बन रहा है कि दूसरा प्रदोष व्रत भी सोमवार को ही पड़ने वाला है। आइए जानते हैं नवंबर के दूसरे सोम प्रदोष व्रत की तिथि, पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और इसका धार्मिक महत्व। हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए …

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द्वेष और कामना मुक्त जीवनयापन सबसे बड़ा संन्यास है

अत्यधिक कामानाएं या महत्वाकांक्षाएं सही नहीं होतीं। विवेक द्वारा इनको नियंत्रित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। राम नाम या कोई भी नाम जो आपको पसंद हो, उसका आश्रय कर अत्यधिक कामनाओं से मुक्ति पाई जा सकती है। मानस में कहा गया है- कलयुग केवल नाम अधारा। नाम की बहुत महिमा है। कलियुग में तो सिर्फ नाम को ही आधार …

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क्यों काल भैरव देव को कहा जाता है काशी का कोतवाल? 

कालभैरव भगवान शिव का रौद्र स्वरूप हैं, जिनकी उत्पत्ति ब्रह्मा के अहंकार और शिव के अपमान के कारण हुई थी। उन्होंने ब्रह्मा का पांचवां सिर नोच लिया, जिससे उन्हें ब्रह्महत्या का दोष लगा। काशी में यह दोष दूर हुआ और वे काशी के संरक्षक बन गए, जहां वे पापियों को दंडित कर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हैं। मार्गशीर्ष कृष्ण …

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उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान

हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर विधिपूर्वक व्रत किया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में उत्पन्ना एकादशी व्रत किया जाता है। इस दिन तुलसी से जुड़े नियम का पालन करना चाहिए। इससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। ऐसे में आइए जानते हैं तुलसी से जुड़े नियम। हर माह के …

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मार्गशीर्ष सोमवार पर बन रहा दुर्लभ संयोग

10 नवंबर 2025 के अनुसार, सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इस शुभ अवसर पर सोमवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। आज यानी 10 नवंबर को मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है और इस तिथि पर सोमवार पड़ रहा …

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