क्रोध करने वाला व्यक्ति पापकर्म अधिक करता: तुलसीदास जी

क्रोध के दुष्प्रभाव जीवन में काफी होते है, इसकी वजह से जीवन तक बर्बाद हो सकता है। क्रोध सभी से दूर कर देता है, जिसकी वजह से इंसान बिलकुल अकेला हो जाता है और जीवन निराशाओं से घिर जाता है।

तुलसीदास जी ने कहा है कि क्रोध करने वाला व्यक्ति पापकर्म अधिक करता है। पुण्य के कार्यों से वो काफी दूर रहता है।क्रोध में व्यक्ति बड़े एवं पूज्य जनों तक को मार डालता है। ऐसा व्यक्ति अशब्दों का उपयोग अधिक करता है और साधुजनों पर भी निराधार आक्षेप लगाता है।

अगर आपने अपने क्रोध पर काबू नहीं पाया तो ये आपको बर्बाद कर देगा। क्रोध करने से आपके स्वास्थ्य को भी काफी नुकसान होता है। विज्ञान के अनुसार अधिक क्रोध करने से ब्लड प्रेशर काफी हद तक बढ़ जाता है।क्रोध करने से आपको मानसिक परेशानियां भी हो सकती है।

क्रोध आपके जीवन को अस्त व्यस्त कर देगा। इसकी वजह से आपके रिश्तों में कड़वाहट आ जाती है और जिंदगी में बहुत कुछ खो देते है। गुस्से में बोला गया हर एक शब्द जहरीला होता है जिसकी वजह से आपकी जिंदगी की हर प्यारी बातें, अच्छा व्यवहार पल भर खत्म हो जाता है।

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