न्याय के देवता शनि अगर कुंडली में खराब स्थिति में हो तो जातक को कई परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। अगर किसी की कुंडली मे सप्तम भाव मे शनि हो या सप्तमेश शनि से पीड़ित हो या सप्तम भाव शनि से पीड़ित हो या गोचर में शनि सप्तम भाव पर प्रभाव डाल रहा हो और जिसके कारण समस्या चल रही हो तो ये उपाय उनके लिए है।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि अनुसाशन का ग्रह है। अगर आपकी जिंदगी अनुसंशित नहीं है, आपका चरित्र दूषित है तो शनि आपको अवश्य पीड़ा देगा। इसलिए जीवन को अनुसाशन में रखे चरित्र को अच्छा रखे लेकिन कई बार पूर्वजन्मों के खराब कर्मों की वजह से शनि बुरा परिणाम देता है।
हनुमान जी की पूजा करने से सभी तरह की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें आप पर कभी भी शनि की बुरी नजर नहीं पड़ेगी। हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपनी क्षमता के अनुसार कुछ मीठा प्रसाद चढ़ाएं। सुंदरकांड का पाठ करने से भी विशेष लाभ मिलता है।
शनि से जुड़े दोष दूर करने या फिर उनकी कृपा पाने के लिए शिव की उपासना एक सिद्ध उपाय है। नियमपूर्वक शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से शनि के प्रकोप का भय जाता रहता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं। इस उपाय से शनि द्वारा मिलने वाला नकारात्मक परिणाम समाप्त हो जाता है।
शनिदेव की कृपा पाने के लिए अपने माता-पिता का सम्मान और उनकी सेवा करें। यदि आप अपने माता-पिता से दूर रहते हैं तो उन्हें फोन से या फिर मन ही मन प्रतिदिन प्रणाम करें।
शमी का वृक्ष घर में लगाएं और नियमित रूप से उसकी पूजा करें। इससे न सिर्फ आपके घर का वास्तुदोष दूर होगा बल्कि शनिदेव की कृपा भी बनी रहेगी। इसी तरह काले कपड़े में शमी वृक्ष की जड़ को बांधकर अपनी दायी बाजू पर धारण करने पर शनिदेव आपका बुरा नहीं करेंगे बल्कि उन्नति में सहायक होंगे। जल में गुड़ या शक्कर मिलाकर शनिवार के दिन पीपल को जल देने और तेल का दीपक जलाने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
शनिवार के दिन शनि देव को तेल चढ़ाने से शनि देव खुश होते हैं।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।