इस मंदिर में बाघों के बीच तपस्या करते हैं बौद्ध भिक्षु

tiger1-1449222318-300x214हिंदू धर्म में देवी दुर्गा सिंह की सवारी करती हैं। सिंह हिंसक पशु है लेकिन मां दुर्गा की शक्ति और ममता के वशीभूत होकर वह भी शांत व्यवहार करता है। थाईलैंड में भी एक ऐसा मंदिर है जहां काफी संख्या में बाघ हैं। इसे टाइगर टेंपल कहा जाता है। आगे पढ़िए, क्या है इस मंदिर में खास…

टाइगर टेंपल कंचनबुरी प्रांत में है। यह इलाका बर्मा सीमा के नजदीक है। दूर-दूर से पर्यटक इस क्षेत्र में आते हैं। बाघों के बीच घूमना और उन्हें करीब से देखने का अनुभव काफी रोमांचक होता है। यह मुख्यतः एक बौद्ध मंदिर है।

 

मंदिर की स्थापना 1994 में हुई थी। बाद में बौद्ध भिक्षुओं ने इसे वन्य जीव संरक्षण से जोड़ दिया। यहां एक बाघ का बच्चा लाया गया था जिसकी मां को शिकारियों ने मार दिया था। कहा जाता है कि वो बच्चा भी कुछ दिनों बाद मर गया लेकिन भिक्षुओं ने वन्य जीव संरक्षण को और गंभीरता से लिया और यह सिलसिला लगातार जारी रखा।

 
 
धीरे-धीरे यहां बाघों की संख्या काफी बढ़ गई और लोग इसे टाइगर टेंपल कहने लगे। यहां 150 से ज्यादा बाघ हैं जो बौद्ध भिक्षुओं से घुलमिल गए हैं। ये भिक्षु उनके साथ सहजता से मिलते हैं। वहीं, यहां आने वाले पर्यटकों को भी इनसे भय नहीं होता। वे इनके साथ तस्वीरें खिंचाते हैं और इन्हें स्पर्श करते हैं। जानकारी के अनुसार किसी भी बाघ ने कभी पर्यटकों पर हमला नहीं किया।

 

 

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