श्रीरामरक्षा स्‍त्रोत से प्रसन्‍न होते हैं भगवान राम, करते हैं रक्षा

आज रामनवमी का पावन पर्व है. इस मौके पर श्रीराम के पूजन का विधान है. कहा जाता है कि हर श्रीराम की पूजा-अर्चना का विशेष महत्‍व होता है. इसलिए हम आपको बता रहे हैं श्रीरामरक्षा स्‍त्रोत, जिसका पंडित बहुत महत्‍व मानते हैं.  

कहां से आया
कहा जाता है कि ए‍क दिन भगवान शंकर ने बुधकौशिक ऋषि को स्वप्न में दर्शन देकर, उन्हें रामरक्षास्‍त्रोत सुनाया था. और प्रातःकाल उठने पर उन्होंने इस स्‍त्रोत को लिख लिया. ये स्‍त्रोत संस्कृत में है और इसके पाठ को काफी प्रभावी माना जाता है.

श्रीरामरक्षा स्‍त्रोत का महत्‍व
– सभी तरह की विपत्तियों से रक्षा करता है.
– इसका पाठ करने से मनुष्य भय रहित हो जाता है.
– इसके नित्य पाठ से कष्ट दूर होते हैं.
– जो इसका पाठ करता है वह दीर्घायु, सुखी, संततिवान, विजयी तथा विनयसंपन्न होता है.

– इससे मंगल का कुप्रभाव समाप्त होता है.
– मान्‍यता है कि इसके प्रभाव से व्यक्ति के चारों और सुरक्षा कवच बनता है, जिससे हर प्रकार की विपत्ति से रक्षा होती है.
– इसके पाठ से भगवान राम के साथ पवनपुत्र हनुमान भी प्रसन्न होते हैं.

पहले हाथ में जल लेकर इसे पढ़ें.
विनियोग:
अस्य श्रीरामरक्षास्त्रोतमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः। श्री सीतारामचंद्रो देवता। अनुष्टुप छंदः। सीता शक्तिः। श्रीमान हनुमान कीलकम। श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्त्रोतजपे विनियोगः।

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