क्या आपको पता है कि भगवान राम का जन्म क्यों हुआ था। पुराणों के मुताबिक राम के जन्म के बारे में भगवान शिव ने मां पार्वती को बताया था वही आज हम आपको बताने जा रहें कि भगवान राम नें जन्म क्यों लिया था। एक कहानी है कि ब्रह्मणों के शाप के कारण प्रतापभान, अरिमर्दन और धर्मरूचि यह तीनो रावण ,कुम्भकरण और विभिषन बनें। रावण ने अपनी प्रजा पर बहुत अत्याचार किये।
एक बार तीनो भाइयों ने घोर तप किया । तप से ब्रह्मा जी ने खुश होकर वर मांगने को कहा। इस पर रावण ने कहा कि हे प्रभु हम वानर और इंसान दाे जातियों को छोड़कर और किसी के मारे से न मरे यह वर दीजिए। शिव जी ने और ब्रह्म जी ने रावण काे वर दिया ।
इसके बाद शिव जी ने और ब्रह्मा जी ने विशालकाय कुम्भकर्ण को देखकर सोचा कि यह अगर रोज भोजन करेगा तो पृथ्वी को नाश हो जायेगा। तब मां सरस्वती ने उसकी बुद्धी फेर दी और कुम्भकर्ण नें 6 माह की नींद मांग ली । विभीषण ने प्रभु के चारणों में अनन्य और निष्काम प्रेम की अभिलाषा जताई । वर देकर ब्रह्मा जी चले गये।
तुलसीदास जी ने लिखा है कि जब पृथ्वी पर रावण का अत्याचार बढ़ा और धर्म की हानि होने लगी तब भगवान शिव कहते हैं कि –
राम जनम के हेतु अनेका । परम विचित्र एक तें एका ।।
जब जब होई धरम की हानि । बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी ।।
तब तब प्रभु धरि विविध सरीरा। हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा ।।
यानी जब-जब धर्म का ह्रास होता है और अभिमानी राक्षस प्रवृत्ति के लोग बढ़ने लगते हैं तब तब कृपानिधान प्रभु भांति-भांति के दिव्य शरीर धारण कर सज्जनों की पीड़ा हरते हैं। वे असुरों को मारकर देवताओं को स्थापित करते हैं। अपने वेदों की मर्यादा की रक्षा करते हैं। यही श्रीराम जी के अवतार का सबसे बड़ा कारण है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।