जब दूसरी बार भगवान राम ने रावण को हराया

सीता हरण करने वाले राक्षसराज रावणको भगवान राम ने लंका में घुसकर मारा था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहली बार राम ने रावण को कब मात दी थी, अगर नहीं जानते हैं तो हम आपको बताते हैं कि पहली बार राम ने बिहार प्रांत के सीता मढ़ी जिले के पुनौरा नामक जगह पर मात दी थी। यह मात युद्ध के जरिए नहीं, बल्कि स्वयंवर में सीता को जीतकर दी थी।हम आपको बता दें कि सीता के इस स्वयंवर में रावण भी भाग लेने आया था, लेकिन वह भगवान शिव के धनुष को उठाकर उसकी प्रत्यंचा चढ़ा पाने में असफल रहा। वहीं, राम ने जब प्रत्यंचा चढ़ाना चाहा तो वह धनुष ही टूट गया था। कि उस स्वयंवर में पूरे देश के अनेकों महाबली राजे-महाराजे जुटे थे। सभी की इच्छा सीता को पाने की थी।

रावण सीता को हासिल करना चाहता था 
रावण अपनी शक्ति के मद में चूर था यह समझ रहा था कि सीता को वही हासिल करेगा, पर धनुष की प्रत्यंचा चढ़ा पाने में असफल होने के कारण वह भीतर ही भीतर जल उठा था। फिर भी, वह सोच रहा था कि जब उसके जैसा महाबली धनुष की प्रत्यंचा नहीं चढ़ा सका तो दूसरे क्या खाक चढ़ा पाएंगे।

लेकिन, जब राम ने धनुष को ही तोड़ डाला तो वह आग-बबूला हो उठा। उस वक्त उसने अपने गुस्से को पी लिया, क्योंकि और कोई चारा भी नहीं था। यह पहली मात खाने के बाद राक्षसराज रावण ने यह निश्चय कर लिया था कि चाहे जैसे भी हो, वह सीता को हासिल करके ही रहेगा।

हनुमान जी के सिवा कोई नहीं कर सकता था यह 6 काम
क्या भगवान राम और हनुमान जी के मिलन की ये बात जानते हैं आप

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