क्या है लालबाग चा राजा का इतिहास

मुंबई में गणेशोत्सव के पवित्र दिनों में सबसे ज्यादा चर्चा में रहते हैं लाल बाग के राजा। यह दक्षिण मुंबई में स्थित सबसे प्रसिद्ध गणेश मंडल में से एक हैं। इस साल, वे गणेश उत्सव का 84वां साल मना रहे हैं। यह गणेश जी हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण करने के लिए सुप्रसिद्ध हैं। बड़े-बड़े सेलिब्रिटी यहां दर्शन को आते हैं। इस साल मंडल को 51 करोड़ रुपये का बीमा मिला है।लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी। यह मुंबई के लालबाग, परेल इलाके में स्थित हैं।

यह गणेश मंडल अपने 10 दिवसीय समारोह के दौरान लाखों लोगों को खासा आकर्षित करता है। इस प्रसिद्ध गणपति को ‘नवसाचा गणपति’(इच्छाओं की पूर्ति करने वाले) के रूप में भी जाना जाता है। हर वर्ष केवल दर्शन पाने के लिए यहां करीबन 5 किलोमीटर की लंबी कतार लगती है, लालबाग के गणेश मूर्ति का विसर्जन गिरगांव चौपाटी में दसवें दिन किया जाता है।इस मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में अपने मौजूदा स्थान पर (लालबाग, परेल) हुई थी। पूर्व पार्षद श्री कुंवरजी जेठाभाई शाह, डॉ॰ वी.बी कोरगांवकर और स्थानीय निवासियों के लगातार प्रयासों और समर्थन के बाद, मालिक रजबअली तय्यबअली ने बाजार के निर्माण के लिए एक भूखंड देने का फैसला किया।

मंडल का गठन उस युग में हुआ जब स्वतंत्रता संघर्ष अपने पूरे चरम पर था। लोकमान्य तिलक ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ की लोगों की जागृति के लिए ‘सार्वजनिक गणेशोत्सव’ को विचार-विमर्श को माध्यम बनाया था। यहां धार्मिक कर्तव्यों के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया जाता था। मुम्बई में गणेश उत्सव के दौरान सभी की नजर प्रसिद्ध ‘लालबाग के राजा’ पर होती है। इन्हें ‘मन्नतों का गणेश’ कहा जाता है।इस साल भक्तों को लाल बाग के राजा का राजमहल सुनहरे रंगीन रंग में देखने को मिल रहा है। मूर्ति कलाकार संतोष कांबली द्वारा बनाई गई है और थीम लोकप्रिय कलाकार नितिन देसाई द्वारा तैयार की गई है। इस बार सुरक्षा के लिए, मुंबई पुलिस, सेना और 35 सरकारी मंडल कार्यकर्ता उपलब्ध हैं। भक्तों की देखभाल करने के लिए करीब 3 हजार मंडल कार्यकर्ता उपलब्ध हैं।

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