हमारे शास्त्रों में प्रदोष व्रत की बड़ी महिमा है। रविवार को आने वाला यह प्रदोष व्रत स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। यह व्रत करने वाले की स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियां दूर होती हैं अत: स्वास्थ्य में सुधार होकर मनुष्य सुखपूर्वक जीवन-यापन करता है। वर्ष 2019 में यह व्रत रविवार, 17 फरवरी को मनाया जा रहा है।उज्जैन में ही क्यों विराजित हैं शिव ‘महाकाल’ के रूप में

कैसे करें अभिषेक- भगवान सदाशिव को प्रसन्न करने के लिए शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय, लघु रूद्री से अभिषेक करें। शिवजी को बिल्वपत्र, धतूरे का फूल, कनेर का फूल, बेलफल, भांग चढ़ाकर पूजन करें।मेष- शहद, गु़ड़, गन्ने का रस। लाल पुष्प चढ़ाएं।वृष- कच्चे दूध, दही, श्वेत पुष्प।मिथुन- हरे फलों का रस, मूंग, बिल्वपत्र।कर्क- कच्चा दूध, मक्खन, मूंग, बिल्वपत्र।सिंह- शहद, गु़ड़, शुद्ध घी, लाल पुष्प।कन्या- हरे फलों का रस, बिल्वपत्र, मूंग, हरे व नीले पुष्प।तुला- दूध, दही, घी, मक्खन, मिश्री।वृश्चिक- शहद, शुद्ध घी, गु़ड़, बिल्वपत्र, लाल पुष्प।धनु- शुद्ध घी, शहद, मिश्री, बादाम, पीले पुष्प, पीले फल।मकर- सरसों का तेल, तिल का तेल, कच्चा दूध, जामुन, नीले पुष्प।कुंभ- कच्चा दूध, सरसों का तेल, तिल का तेल, नीले पुष्प।मीन- गन्ने का रस, शहद, बादाम, बिल्वपत्र, पीले पुष्प, पीले फल।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।