नवरात्रि के नौ दिन के पूजन के अंतिम दिनों में महाअष्टमी या नवमी तिथि को कन्या पूजन किया जाता है। इस बार शुक्रवार, 12 अप्रैल को अष्टमी तथा 13 अप्रैल 2019 को नवमी तिथि मनाई जाएगी।
नवरात्रि के दिनों में कुछ लोग अष्टमी के दिन और कुछ नवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं। परिवार की रीति के अनुसार किसी भी दिन कन्या पूजन किया जा सकता है।

ऐसे करें कन्या पूजन :
नवरात्रि के दिनों में कुछ लोग अष्टमी के दिन और कुछ नवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं। परिवार की रीति के अनुसार किसी भी दिन कन्या पूजन किया जा सकता है।

ऐसे करें कन्या पूजन :
* 3 से 9 साल तक आयु की कन्याओं तथा साथ ही एक लांगुरिया (छोटा लड़का) को खीर, पूरी, हलवा, चने की सब्जी आदि खिलाए जाते हैं।
* कन्याओं को तिलक करके, हाथ में मौली बांधकर, गिफ्ट दक्षिणा आदि देकर आशीर्वाद लिया जाता है, फिर उन्हें विदा किया जाता है।
नवमी पूजन और विसर्जन :
* महानवमी के दिन मां का विशेष पूजन करके पुन: पधारने का आवाहन कर, स्वस्थान विदा होने के लिए प्रार्थना की जाती है।
* कलश के जल का छिड़काव परिवार के सदस्यों पर और पूरे घर में किया जाता है ताकि घर का प्रत्येक स्थान पवित्र हो जाए।
* अनाज के कुछ अंकुर मां के पूजन के समय चढ़ाए जाते हैं। कुछ अंकुर दैनिक पूजा स्थल पर रखे जाते हैं, शेष अंकुरों को बहते पानी में प्रवाहित कर दिया जाता है।
* कुछ लोग इन अंकुरों को शमी वृक्ष को अर्पित करते हैं और लौटते समय इनमें से कुछ अंकुर केश में धारण करते हैं।
ज्ञात हो कि देवी का आठवां रूप मां महागौरी है। इनका अष्टमी के दिन पूजन का विधान है। इनकी पूजा सारा संसार करता है। पूजन करने से समस्त पापों का क्षय होकर कांति बढ़ती है, सुख में वृद्धि होती है, शत्रु शमन होता है और नवमी के दिन सिद्धियों को देने वाली सिद्धिदात्री का पूजन-अर्चन करने का विधान है। इसी दिन महानवमी पूजन और विसर्जन करना मंगलकारी माना गया है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।