आशचर्य की बात यह है कि जो चिह्न श्रीराम के दक्षिण पैर में हैं वैसा ही भगवती सीता के वाम पैर में भी हैं। और जो चिह्न राम जी के वाम पैर में हैं वे सीता जी के दक्षिण पैर में हैं।
Check Also
इंदिरा एकादशी पर पूजा के समय विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ
सनातन धर्म में पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान किया जाता …