अगर रोज भोले को नहीं अर्पित कर पाते बेलपत्र तो चढ़ाये इन 4 पत्तों में से कोई एक

सावन का महीना भोले बाबा को समर्पित महीना है और इस महीने में उनका पूजन किया जाता है. ऐसे में कहा जाता है इस महीने में शिव की पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है और लोग सावन माह के हर सोमवार को मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध जल, बेल पत्र आदि अर्पित कर सकते हैं. जी हां, ऐसे में कि लोग ऐसे हैं जिनके पास बेलपत्र नहीं होता है और बेलपत्र ना होने के कारण वह निराश हो जाते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं बेलपत्र न होने की दशा में आप भोलेनाथ को किन चीज़ों के पत्ते चढ़ा सकते हैं. आइए जानते हैं. 

धतूरा- कहते हैं शिव पुराण में बताया गया है कि शिव को धतूरा बहुत पसंद है और शिव जी को धतूरा अर्पित करने वाले को शिव जी धन-धान्य प्रदान करते हैं. इसी के साथ धतूरे का फल और पत्ता औषधि के रूप में भी काम आता है और धतूरा अर्थराइटिस में भी बेहद लाभकारी होता है. इसी के साथ बाल झड़ने की समस्या होने पर धतूरा आपके लिए बहुत फायेमंद हो सकता है और इसके लिए धतूरे के रस को सिर पर मलने से बाल उगते है.

भांग – कहते हैं भगवान भोलेनाथ को बेल के बाद दूसरा सबसे प्रिय पत्ता भांग का है और भांग का पत्ता या भांग का शर्बत बनाकर भोलेनाथ को चढ़ाएं तो शिव बड़े प्रसन्न होते हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि भांग एक औषधि है. जी दरअसल जब शिव जी ने विष का पान किया था तब जहर का उपचार करने के लिए भांग के पत्तों का इस्तेमाल किया गया था इस कारण उन्हें भांग चढ़ाना लाभदायक होता है.

आक – कहते हैं आक का फूल और पत्ता दोनों ही भगवान शिव को बेहद प्रिय है. वहीं जो भक्त भगवान शिव को आक अर्पित करता है भगवान शिव उसके मानसिक और शारीरिक सभी तरह के कष्ट हर लेते हैं.

दूर्वा घास – ऐसा कहा जाता है पुराणों में इस घास को अमृत बसा घास बताया गया है. वहीं भगवान शिव और उनके पुत्र गणेश जी को दूर्वा बेहद पसंद है लेकिन भगवान शिव की प्रिय दुर्वा हेल्थ के लिए भी अच्छी है. वैसे दूर्वा स्वाद में कड़वी होती है, लेकिन शरीर को ठंडक देती है और दूर्वा के रस के सेवन से ब्‍लड संबंधी रोग खत्म होते हैं.

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