आप जानते ही होंगे कि हर साल श्रावण की पूर्णिमा के दिन देश के विभिन्न हिस्सों में राखी का त्यौहार मनाया जाता है. वहीं इस साल यानी साल 2019 में राखी 15 अगस्त को है. वहीं ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि इस बार की राखी पर शुभ संयोग बन रहे हैं और इनके अनुसार रक्षा बंधन के चार दिन पहले गुरु मार्गी हो रहे हैं जो इस बार की राखी की शुभता को और बढ़ाएगा. वहीं बात करें हिंदू पंचांग की तो उसके मुताबिक 15 अगस्त गुरुवार के दिन नक्षत्र श्रवण, सौभाग्य योग, बव करण, सूर्य राशि कर्क तथा चंद्रमा मकर राशि में रहने वाला है और इस कारण से इस बार के रक्षा बंधन की सबसे खास बात ये है कि इस बार ये पर्व भद्रा के दोष से पूरी तरह मुक्त है.
जी हाँ, ज्योतिष के अनुसार इस बार श्रवण नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग देखने को मिलने वाला है जो बहुत कम मिलता है. ऐसे में भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक यह त्यौहार हर साल सावन के आख़िरी दिन में मनाया जाता है ओट इस दिन बहनें अपने भाई के हाथ में राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं इस दौरान भाई भी अपनी बहनों की ताउम्र उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों भद्राकाल में नहीं बाँधी जाती है राखी..
यहां जानें भद्रा काल को अशुभ माना जाता है- जी दरअसल एक प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार रावण की बहन शूर्पणखा ने उन्हें भद्रा काल में राखी बांधी थी और ऐसा माना जाता है इसी वजह से ही रावण का विनाश हुआ था अन्यथा रावण का विनाश नहीं होता. वहीं ऐसा भी कहा जाता है हिंदू समाज में ऐसी कई अन्य कथाएं प्रचलित हैं और एक मान्यता के अनुसार जब तक तीन त्रिदेव यानि देव ब्रह्मा, विष्णु और महेश साथ में मौजूद नहीं होते हैं तो कोई भी पूजा संपन्न नहीं होती। कहा जाता है कि भद्रा काल में भगवान शंकर तांडव कर रहे होते हैं, जिस इस वजह से वे गायब रहते हैं. इसी वजह से भद्रा में कोई भी शुभ काम नहीं करते हैं.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
