गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि आचरण को लेकर मनुष्य को सदैव गंभीर और सर्तक रहना चाहिए. जो व्यक्ति अपने आचरण को लेकर सचेत नहीं रहता है उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है. भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं- यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन: । स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते ॥ गीता के इस उपदेश का अर्थ है कि महान व्यक्ति के आचरण …
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