आप सभी को बता दें कि आज संकष्टी चतुर्थी है. ऐसे में इस दिन को सबसे खास माना जाता है और भगवान श्री गणेश को शुभ कार्यों का देवता माना जाता है और आज उन्ही की पूजा की जाती है. वहीं किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले श्री गणेश की स्तुति करते हैं और श्री गणेश की पूजा का महत्व संकष्टी चतुर्थी के दिन खास हो होता हैं. ऐसे में पौराणिक मान्यताओं की माने तो इस दिन पूरे श्रद्धाभाव के साथ भगवन गणेश की स्तुति की जाती है तो हर इच्छा पूर्ण हो जाती हैं. इसी के साथ श्री गणेश को प्रसनन करने के लिए आज के दिन विशेष पूजा की जाती हैं तो आइए आज आपको बताते हैं इस दिन की जाने वाली पूजा की पूजा विधि.
पूजा विधि – आपको बता दें कि संकष्टी चतुर्थी हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. इसी के साथ अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और संकष्टी चतुर्थी को श्री गणेश की पूजा करके विशेष आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. ऐसे में सेहत की समस्या को खत्म करने के लिए आज के दिन भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए और संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया जाता हैं जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त हो और सेहत के अलावा घर में गृहक्लेश की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो सकती है.
इसी के साथ आज के दिन व्रत रखकर भगवान श्री गणेश से मनचाहे फल की कामना की जाती हैं इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर स्वच्छ हो जाए श्री गणेश की पूजा करनी चाहिए. इस दिन पूरे दिन केवल दूध या फिर फल का सेवन ही करना होता है और इसके अलावा कुछ लोग कच्ची सब्जियां, फल, मूंगफली और आलू भी खाते हैं. इसी के साथ शाम को फिर सूर्यास्त के पहले स्नान किया जाता हैं और इसके बाद श्री गणेश की प्रतिमा को ताजे पुष्पों से सजाया जाता हैं. वहीं चन्द्र दर्शन के बाद पूजा की जाती हैं और व्रत कथा पढ़ी जाती हैं. अंत में संकष्टी चतुर्थी का उपवास पूर्ण मानते हैं.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।