हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार हनुमान जी को वीरता, भक्ति और शक्ति का परिचायक माना जाता है। भगवान शिव के रुद्रावतार माने जाने वाले हनुमान जी को बजरंग बली, पवनपुत्र, मारुती नंदन, केसरी नंदन , महावीर आदि नामों से भी जाना जाता है। हनुमान जी एक बालब्रह्मचारी हैं।
हनुमान और भगवान राम की मित्रता बहुत घनिष्ट है .ये भगवान राम की सेवा में लीन होकर इन्हानें शादी नहीं की। हनुमान जी को प्रतिदिन याद करने और उनके मंत्र जाप करने से मनुष्य के सभी भय दूर होते हैं। इस कलयुग में हनुमान जी की भक्ति करने से मानव को तुरंत ही फल की प्राप्ति हो जाती है.
ग्रंथों में कहा गया है की जब भगवान राम अपने धाम को जानें लगे थे. तो उनके भक्तो ने पृथ्वी लोक से पुकार की थी. और अपने जीवन की रक्षा के लिए प्रार्थना की थी तब भगवान राम ने कहा की हनुमान सर्वदा तुम सबके साथ होगा. इस पृथ्वी लोक में रहेंगे और तुम सभी की रक्षा करेगें . इस कलयुग में हनुमान जी की महिमा इतनी महान है.की उनका नाम स्मरण करने ही मात्र से मानव के अंदर का डर, भय भाग जाता है. जीवन में कष्टों से मुक्ति मिलती है, और जीवन सुखद और सम्पन्नता के साथ व्यतीत होता है .
कहा गया है की यदि आप राम जी का स्मरण करते हो तो हनुमान जी और भी अधिक प्रशन्न होते है . यदि आप अपने जीवन में कष्टों से मुक्ति और जीवन को उन्नत और सुखद बनाना चाहते है. तो हनुमान जी की भक्ति से सम्बंधित कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान दें.
जो आपको आपके जीवन में एक नयी रह दिखायेगें और जीवन में आप कष्टों से मुक्ति पायेगें. यदि आप नित्य नियम से दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर स्नान कर चालीसा का पाठ करते है. तो निश्चित ही रूप से आपके जीवन में मांगलिक कार्य जैसे अन्य शुभ समय की दशा बनी रहेगी .
यदि प्रत्येक दिन संभव ना हो तो कम से कम दिन मंगलवार को ,बेलपात ,या किसी शुद्ध पत्र में भगवान राम के कम से कम 108 नाम की माला और अधिक से अधिक जितने हो सकें लिखकर हनुमान जी के गले में धारण करें.इसका बहुत ही अच्छा परिणाम मिलता है. बिगड़े काम बनते है .
दिन मंगलवार को यदि आप एकाग्रता के साथ शुद्ध और साफ जगह में बैठकर सुन्दर – काण्ड का पाठ करते है. तो निश्चित रूप से आप पायेगे की आपके जीवन में खुशहाली आयी है. जीवन कष्टो से मुक्त हुआ है , बिगड़े काम बने है ,
इतना ही नहीं हनुमान जी की भक्ति से आपको इस संसार सागर में इस जन्म के साथ – ही साथ अगले जन्म में भी सुखद समय आता है और इस संसार सागर से मुक्ति भी मिल सकती है .
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।