हिन्दू धर्म में मूर्ति पूजा आस्था का प्रतीक है। भक्तों की देवी-देवताओं में अटूट श्रद्धा है। इसके लिए वे घर में भी मूर्ति स्थापना कर देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। हालांकि, शास्त्रों में मूर्ति पूजा को लेकर सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है। ऐसी मान्यता है कि कुछ देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापना और पूजा घर में नहीं करनी चाहिए। अगर आपको नहीं पता है तो आइए जानते हैं कि घर में किन देवी-देवताओं की मूर्ति अथवा तस्वीर की पूजा नहीं करनी चाहिए-
शनि देव
शनिदेव को न्याय का प्रतीक माना जाता है। हालांकि, शास्त्रों में शनि देव की घर में पूजा करने की मनाही है। ऐसी मान्यता है कि शनि देव की पूजा मंदिर में ही करनी चाहिए। साथ ही शनि देव से नजर नहीं मिलाना चाहिए, क्योंकि शनि देव की नजर वक्री है।
मां काली
चिरकाल में जब दारुक दानव का आतंक बहुत बढ़ गया। उस समय आदिशक्ति शिव जी में प्रवेश कर मां काली के रूप में प्रकट हुई। मां काली अति रूद्र रूप में थी, जिससे पूरी दुनिया में प्रलय मच गया। इस प्रलय की ज्वाला से दारुक दानव भी जलकर भस्म हो गया। तब शिव जी ने मां काली के क्रोध को शांत किया। कालांतर से मां काली को केवल मंदिरों में पूजा करने का विधान है।
भैरव देव
भैरव देव की भी घर में मूर्ति पूजा नहीं करनी चाहिए। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि जब भगवान ब्रह्मा और विष्णु जी के बीच श्रेष्ठता को लेकर वाक्य युद्ध हुआ। उस समय भगवान शिव जी ने मध्यस्ता की, लेकिन इस मध्यस्ता से ब्रह्मा जी खुश नहीं हुए और उन्होंने शिव जी के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। इससे भगवान शिव जी क्रोधित हो गए। इस क्रोध से भैरव देव का प्रादुर्भाव हुआ। ऐसे में घर में कभी शिव जी के क्रोध स्वरूप की पूजा नहीं करनी चाहिए। इससे घर में अशांति बनी रहती है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।