भगवान श्री गणेश को रिद्धि-सिद्धि और बुद्धि का देवता माना जाता है। हिंदू धर्म में जितने भी देवी-देवता है उन सबमें सबसे पहले श्री गणेश जी का ही पूजन किया जाता है। शुभ काम विवाह, धार्मिक अनुष्ठान आदि में सबसे पहले गणेश जी को आमंत्रित किया जाता है। भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश जी को खुद यह वरदान दिया था कि सभी देवताओं में सबसे पहले तुम्हारा पूजन होगा। गणेश जी को तब से प्रथम पूजनीय के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं गणेश जी के और भी विश्व प्रसिद्द नामों के बारे में। 
गणेश जी के विश्वप्रसिद्ध नाम
यूं तो गणेश जी को गणेश, गणपति, बप्पा आदि नामों से जाना जाता है, हालांकि इनके साथ ही गणेश जी को और भी कई नामों से पूरी दुनिया जानती है। इन नामों में गणेश जी के सबसे प्रचलित नाम एकदन्त, गजकर्ण, लम्बोदर, विकट, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन, सुमुख, विघ्नहर्ता, मंगलमूर्ति, व्रकतुंड आदि है।
गणेश जी से जुड़ें रोचक तथ्य
– सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूजनीय होने का वरदान गणेश जी को खुद उनके पिता भगवान शंकर ने दिया था।
– पौराणिक ग्रंथों में इस बात का उल्लेख है कि गणेश जी साक्षात ‘ॐ’ का स्वरुप है।
– गणेश जी के एकदंत कहलाने के पीछे कई कथा प्रचलित है। उनमें से एक यह है कि महर्षि व्यास जी की महाभारत गणेशजी द्वारा लिखी गई थी। महर्षि व्यास जी बोलते रहे और गणेश जी के पास लिखने के लिए कुछ नहीं था, तब गणेश जी ने अपना एक दांत तोड़कर उससे महाभारत लिखी थी। तबसे वे एकदंत भी कहलाने लगे।
– जापान में भगवान गणेश को ‘कंजीटेन’ नाम से पुकारा जाता है।
– जीवन में सुख-शांति बनी रहे इसके लिए गणपति जी की सफ़ेद मूर्ति की पूजा करनी चाहिए।
– एक घर में कभी भी तीन-तीन गणेश प्रतिमाओं का पूजन नहीं होना चाहिए।
– गणेश जी को मूषक यानी कि चूहा अति प्रिय है। यह उनका वाहन है। अतः ध्यान रहें कि गणेश जी की प्रतिमा या चित्र में चूहा अवश्य हो।
– गणेश जी को लड्डू सर्वाधिक प्रिय है। गणेशोत्सव के दौरान गणेश जी को लड्डू का भोग अवश्य लगाना चाहिए।
– यूं तो पूरा भारत आज गणेशोत्स्व मनाता है, लेकिन इसकी शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी। सर्वाधिक गणेश प्रतिमाओं का निर्माण महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई और पुणे में होता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।