महान विद्वान चाणक्य अपने ज्ञान, विवेक तथा कूटनीति कि वजह से महान व्यक्ति बनें। उनके समीप रंक को राजा बनाने की कला थी। आचार्य चाणक्य ने अपने एक्सपीरियंस, ज्ञान तथा बौद्धिक कौशल से जिंदगी में सफलता हासिल करने की कई नीतियां बनाई थीं, उन सभी नीतियों का संग्रह चाणक्य नीति शास्त्र में है। 
आचार्य चाणक्य के द्वारा चाणक्य नीति में बनाई गई नीतियां आज भी सभी के लिए बहुत लाभदायक तथा प्रभावी हैं। जो भी मनुष्य चाणक्य नीति शास्त्र में बताई गई नीतियों का पालन सही से करता है, उसे जिंदगी में सभी तरह की सुख-सुविधाएं तथा सफलता मिलती है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र यह बताया है कि मनुष्य को सफल बनना है तो हमेशा तीन तरह के व्यक्तियों से सावधान तथा अलर्ट रहना चाहिए। आइए जानते हैं किन तीन व्यक्तियों से रहना चाहिए सावधान।।।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में एक श्लोक के जरिये बताया है कि मनुष्य को हमेशा कवि, शराबी इंसान तथा दुस्साहस करने वाली महिलाओं से सतर्क रहना चाहिए। चाणक्य नीति का यह श्लोक इस तरह है-
कवय: किं न पश्यन्ति किं न कुर्वन्ति योषित:।
मद्यपा किं न जल्पन्ति किं न खादन्ति वायसा:।।
चलिए जानते हैं आचार्य चाणक्य ने ऐसा क्यों कहा है इसके लिए उनका क्या तर्क है।।।
वही आप सबने कवि के बारे में एक लोकप्रिय कहावत अवश्य सुनी होगी, जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि। इस कहावत का अर्थ जहां सूर्य की रोशनी भी न पहुंच सके वहां पर कवि के विचार पहुंच जाते है। कवि अपनी कविता के जरिये कोई भी बड़ी से बड़ी बात सरलता से कह सकता है। इसलिए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कवि से भूलकर भी शत्रुता मोल नहीं लेना चाहिए। इसी के साथ चाणक्य द्वारा इन तीन लोगों से दूर रहने का सुझाव दिया गया है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।