सूर्य देव 13 अप्रैल को देर रात 09 बजकर 40 मिनट पर मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान सूर्य देव 27 अप्रैल को भरणी और 11 मई को कृतिका नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 14 मई को शाम 05 बजकर 33 मिनट पर मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। इस प्रकार 13 अप्रैल को मेष संक्रांति मनाई जाएगी।
सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का अति विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य देव राशि परिवर्तन करते हैं। वर्तमान समय में सूर्य देव मीन राशि में विराजमान हैं। इसके चलते खरमास लगा हुआ है। ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। अतः चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मेष संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन अति पुण्यकारी गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही पूजा, जप-तप कर दान-पुण्य करते हैं। इसके अलावा, संक्रांति तिथि पर पितरों का तर्पण भी किया जाता है। धार्मिक मत है कि संक्रांति तिथि पर सूर्य देव की उपासना करने से सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं। आइए, मेष संक्रांति की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
सूर्य राशि परिवर्तन
ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव 13 अप्रैल को देर रात 09 बजकर 40 मिनट पर मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान सूर्य देव 27 अप्रैल को भरणी और 11 मई को कृतिका नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 14 मई को शाम 05 बजकर 33 मिनट पर मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। इस प्रकार 13 अप्रैल को मेष संक्रांति मनाई जाएगी।
शुभ मुहूर्त
ज्योतिष गणना के अनुसार, मेष संक्रांति तिथि पर पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शाम 06 बजकर 46 मिनट तक है। वहीं, पुण्य काल शाम 04 बजकर 38 मिनट से शाम 06 बजकर 46 मिनट तक है। इस दौरान दान-पुण्य कर भगवान सूर्य की कृपा के भागी बन सकते हैं।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।