पौष अमावस्या आज, इस विधि से करें पूजा, जानें स्नान-दान मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को पौष अमावस्या कहा जाता है। पौष का महीना सूर्य देव और पितरों का महीना माना जाता है, इसलिए इस अमावस्या को ‘छोटा पितृ पक्ष’ भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए दान, स्नान और तर्पण से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं –

स्नान-दान मुहूर्त
पौष अमावस्या पर स्नान और दान के लिए सबसे शुभ समय सुबह 05 बजकर 19 मिनट से 6 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। वहीं, पितृ तर्पण दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच किया जाएगा।

पौष अमावस्या का धार्मिक महत्व
पौष अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है। यह महीना कड़ाके की ठंड का होता है, इसलिए इस दिन गर्म कपड़ों और अन्न का दान करना महादान कहलाता है। जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है, उन्हें इस दिन अपने पितरों का तर्पण करना चाहिए। अमावस्या तिथि पर सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं, जिस वजह से यह मानसिक शांति और आत्म-शुद्धि के लिए काफी खास होता है।

पूजा विधि
सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी या फिर घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और अक्षत डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
हाथ में काले तिल और जल लेकर अपने पितरों का ध्यान करते हुए दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तर्पण करें।
पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
पीपल की सात बार परिक्रमा करें।
क्षमता के अनुसार ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को गुड़, तिल, कंबल, अनाज या घी का दान करें।
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ पितृभ्यः नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।

क्या न करें?
इस दिन मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन बिल्कुल न करें।
घर में शांति बनाए रखें।
किसी भी प्रकार के झगड़े या अपशब्दों से बचें।
अमावस्या की रात नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है, इसलिए रात के समय श्मशान या सुनसान रास्तों पर न जाएं।

करें ये उपाय
शास्त्रों के अनुसार, पौष अमावस्या के दिन उपवास रखने से न केवल पितृ तृप्त होते हैं, बल्कि साधक को आर्थिक और मानसिक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। अगर आपके कामों में बार-बार अड़चनें आ रही हैं, तो इस तिथि की शाम तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु के नामों का जप करें। ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होगी और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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