मोह किसी भी ची ज का हो, मनुष्य को कमजोर ही करता है. इसलिए मोह से छुटकारा पाने की कामना रखने वाले इंसान के लिए बहुत उत्तम है मोहिनी एकादशी का व्रत. इस एकादशी से और भी बहुत सारे फल और वरदान पाए जा सकते हैं, आइए जानें..
ज का हो, मनुष्य को कमजोर ही करता है. इसलिए मोह से छुटकारा पाने की कामना रखने वाले इंसान के लिए बहुत उत्तम है मोहिनी एकादशी का व्रत. इस एकादशी से और भी बहुत सारे फल और वरदान पाए जा सकते हैं, आइए जानें..
– व्रतों में सबसे ज्यादा महत्व एकादशी का है.
– महीने में दो बार पड़ती है एकादशी- शुक्ल एकादशी और कृष्ण एकादशी.
– वैशाख महीने में एकादशी उपवास का विशेष महत्व है, इस एकादशी से मन और शरीर दोनों ही संतुलित रहते हैं.
– इस एकादशी के उपवास से मोह के बंधन खत्म हो जाते हैं, इसलिए इसे मोहिनी एकादशी कहते हैं.
– इस व्रत को रखने से गंभीर रोगों से रक्षा होती है और खूब यश मिलता है.
– भावनाओं और मोह से मुक्ति की इच्छा रखने वालों के लिए वैशाख की एकादशी विशेष महत्वपूर्ण है.
– मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के राम स्वरुप की उपासना की जाती है.
– इस बार मोहिनी एकादशी शुक्रवार दोपहर आरंभ हुई है और शनिवार दोपहर तक रहेगी. जो लोग सूर्योदय में तिथि को मानते हैं वे आज यानी शनिवार को मना रहे हैं.
कौन से वरदान मिलते हैं 
– मनुष्य की चिंताएं और मोह-माया का प्रभाव कम होता है.
– भगवान की कृपा का एहसास होने लगता है.
– पाप का प्रभाव कम होता है और मन शुद्ध होता है.
– व्यक्ति हर तरह की दुर्घटनाओं से सुरक्षित रहता है.
– इस दिन विधिवत व्रत और उपासना से गौदान का पुण्य फल मिलता है.
मोहिनी एकादशी पर ऐसो करें पूजा 
– एकादशी व्रत पर मुख्य रूप से भगवान विष्णु या उनके अवतारों की पूजा की जाती है.
– इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद पहले सूर्य को अर्घ्य दें और इसके बाद भगवान राम की आराधना करें.
– प्रभु श्री राम को पीले फूल, फल, पंचामृत और तुलसी चढ़ाएं.
– इसके बाद भगवान राम का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें.
– इस दिन सिर्फ पानी या फलाहार लें तो व्रत का उत्तम फल मिलेगा.
– अगले दिन सुबह किसी निर्धन को समय का भोजन कराएं या अन्न का दान करें.
– मोहिनी एकादशी के दिन मन को ईश्वर में लगाएं, गुस्सा करने और झूठ बोलने से बचें.कैसे करें प्रभु राम की विशेष पूजा
– भगवान राम के चित्र या मूर्ती के सामने बैठें.
– उन्हें पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें.
– फिर राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें या ‘ॐ राम रामाय नमः’ का जाप करें.
– जाप के बाद परेशानियों से मुक्ति की प्रार्थना करें.
– आखिर में पंचामृत का प्रसाद बांटे और ग्रहण करें.
 Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
				