13 सितम्बर को गणेश चतुर्थी आने वाली है और अभी से बाज़ारों में गणेशजी की तरह तरह की प्रतिमाएं आ गई हैं जिन्हें चतुर्थी के दिन ही शुभ मुहूर्त पर लाया जाता है और घर में स्थापित किया जाता है. श्रीगणश की प्रतिमा घर में लाने का शुभ मुहूर्त सुबह 11:03 से 13:30 तक यानी दोपहर 11 बजकर 3 मिनट से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा इस बीच आप गणेश स्थापना कर सकते हैं. वहीं अलग-अलग कामना पूर्ति के लिए अलग-अलग गणेश प्रतिमाएं होती हैं जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.
* श्री गणेश : मिट्टी के पार्थिव श्री गणेश बनाकर पूजन करने से सर्व कार्यसिद्धि होती है.
* हेरम्ब : लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गुड़ के बने गणेशजी का पूजन करें.
* वाक्पति : विद्या प्राप्ति के लिए भोजपत्र पर केसर से श्री गणेश प्रतिमा बनाएं और पूजन करें.
* उच्चिष्ठ गणेश : स्त्री सुख और स्त्री को पति सुख प्राप्त करना है तो लाख के श्री गणेश बनाकर पूजन करें इससे घर में क्लेश भी नहीं होता.
* कलहप्रिय : नमक की डली या नमक के श्री गणेश बाँयें इससे दुश्मन आपस में लड़ बैठते हैं.
* गोबर गणेश : गोबर के श्री गणेश बनाकर पूजन करने से पशुधन में वृद्धि होती है और पशुओं की बीमारियां नष्ट होती हैं .
* तार्क श्री गणेश : सफेद आक मन्दार की जड़ के गणेशजी बनाकर पूजन करने से भूमि और भवन में लाभ होता है.
* शत्रुंजय : शत्रुनाश करना हो और युद्ध में विजय पाना हो तो कड़वे नीम की लकड़ी से गणेशजी बनाकर पूजन करें.
* हरिद्रा गणेश : हल्दी की जड़ से या आटे में हल्दी मिलाकर श्री गणेश प्रतिमा बनाएं इससे विवाह में आने वाली बाधा नष्ट होती है.
* संतान गणेश : मक्खन के श्री गणेशजी बनाकर पूजन से संतान प्राप्ति के योग निर्मित होते हैं.
* धान्य गणेश : सात तरह के अक्षत पीसकर गणेश जी की प्रतिमा बनाएं इससे अन्नपूर्णा मां प्रसन्न होती हैं.
* महागणेश : लाल चंदन की लकड़ी से दशभुजा वाले श्री गणेशजी की प्रतिमा बनाएं ऐसा करने से राजराजेश्वरी श्री आद्याकालीका की कृपा होती है.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।