आप सभी को बता दें कि 6 अप्रैल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र में इस बार मनोकामना सिद्धि योग में माता की कृपा बरसेगी. इस बार रेवती नक्षत्र वैधृति योग में हो रहा है और इस दौरान चंद्रमा मीन राशि में होंगे तथा मंगल रोहिणी नक्षत्र में. इसी के साथ बताया गया है कि सुबह 6 बजकर 9 मिनट से ही सूर्योदिनी नवरात्रि प्रारंभ हो जाएगी. ज्योतिषों के अनुसार पंचक सुबह 7.22 बजे तक रहने के कारण नवरात्र घट स्थापना पंचक समाप्ति के बाद ही होगी. आप सभी को बता दें कि शनिवार को शुरू होने वाले नवरात्र पुष्य नक्षत्र धृति योग, कौलव करण में संपन्न होंगे और उसी दिन रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि व रवि पुष्य योग जैसे महत्वपूर्ण तीन योगों का युग्म महायोग बन रहा है.
ऐसे में मीन मलमास समाप्त होगा और सूर्य की मेष संक्रांति अश्विनी नक्षत्र में होगी. आप सभी को बता दें कि ज्योतिषीय ग्रह नक्षत्र राशियों की शुभ स्थिति 250 वर्षों बाद उत्पन्न हो रही है और नवमी तिथि 13 अप्रैल को दोपहर 11.42 बजे से शुरू होकर रविवार सुबह 9.36 तक रहेगी.
अब इस प्रकार रामनवमी 14 अप्रैल के स्थान पर 13 अप्रैल को मनाई जाने वाली है और भगवान श्रीराम का जन्म दोपहर 12 बजे नवमी तिथि को हुआ था बताया गया है कि यह समय 13 अप्रैल को शुरू हो रहा है. आपको बता दें कि इस बार नवरात्र में मां दुर्गा अश्व पर सवार होकर आ रही हैं.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।