भारत परंपराओं का देश है. यहां आस्था से जुडी कई परम्पराएं मानी जाती हैं. ऐसे तो मंदिरों के बारे मे कई तरह के रिवाज सुने होंगे लेकिन आज हम एक और धर्म से जुड़ी खास बात बताने जा रहे हैं. भारत में दक्षिण से लेकर उत्तर तक कई मंदिर और धार्मिक स्थल हैं. खास बात ये है कि हर धार्मिक स्थल की अपनी एक कहानी है. एक ऐसा ही मंदिर तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है. आइये जानते हैं इसके बारे में. 
शुरू हो जाता है कांची अति वरदार महोत्सव
इस मंदिर का नाम है भगवान वरदराजा स्वामी मंदिर. यहां भगवान अति वरदार की मूर्ति भक्तों को दर्शन देने के लिए 40 साल में एक बार कुछ दिनों के लिए जल समाधि से बाहर निकलती है. इसी के साथ तमिलनाडु का प्रसिद्ध कांची अति वरदार महोत्सव शुरु हो गया है. तभी से ये मनाया जाता है.
लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़
मंदिर में बेशक 40 साल में एक बार भगवान अपने श्रद्धलुओं को दर्शन देते हों, लेकिन उन 40 सालों में एक बार भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. वहीं इस बार जब 40 सालों के बाद जब भगवान अति वरदार मंदिर के पवित्र तालाब से बाहर निकलते हैं, तो उनके दर्शनों के लिए देशी-विदेशी भक्तों का हुजुम उमड़ पड़ा.
48 दिन कर सकेंगे दर्शन
इस मंदिर की खास बात ये है कि एक बार जल समाधि से बाहर निकलने के बाद भगवान 48 दिनों तक अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. इस साल 19 अगस्त को भक्तों को अंतिम दर्शन देने के बाद भगवान अति वरदार 20 अगस्त को दोबारा मंदिर के पवित्र तालाब में जल समाधि ले लेंगे. जानकारी दे दें, अब 20 अगस्त को भगवान के समाधि लेने के बाद एक बार फिर भक्तों को भगवान के दर्शन करने के लिए 40 सालों को इंतजार करना पड़ेगा.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।