कोई उसे आस्था का विषय मान कर पूजा-पाठ करने मे जुटे है तो कोई चमत्कार मान कर देखने पहुंच रहे है। लोगों के इस आस्था और विश्वास को वन विभाग के अधिकारी भी देख रहे हैं, लेकिन उसे प्राकृतिक कारण मान रहे हैं।
बिलासपुर के रतनपुर मे कुछ दिन पहले एक बरगद के पेड़ को असमाजिक तत्व द्वारा काट दिया गया था और उसे ले जाने के बजाए वहीं छोड दिया गया। कुछ ही दिन में ग्रामीणों ने देखा कि जिस पेड़ को काट दिया गया था वह फिर अपने स्थान पर फिर से खडा हो गया है।
जिसे देखने के बाद गांव मे बरगद पेड़ के जीवित होने के खबर फैल गई और लोग आस्था और भक्ति के साथ बरगद पेड़ की पूजा करने पहुंच रहे हैं और इसे दैविक चमत्कार मानते हुए पूजा पाठ करने मे जुटे हैं, हालांकि मौके पर पहुंच कुछ लोग इसे शरारत भी मान रहे हैं और आस्था के साथ खिलवाड़ बता रहे हैं।
वहीं इस मामले मे डीएफओ एसपी मसीह ने पेड़ कटाई के विषय से अनभिज्ञता जताई है, लेकिन पेड़ को कटने के बाद फिर से खड़े होने के मामले को प्राकृतिक घटना मान रहे हैं और इसे चमत्कार या दैविक शक्ति मानने से इनकार कर रहे हैं। साथ ही जंगल मे ऐसे कई प्रकरण सामने आने की बात कहते हैं।
वैसे भी बरगद पीपल और नीम के साथ कुछ पेड़ों को देवी देवताओं के वास के रूप मे माना जाता है। ऐसे में कटे हुए बरगद के पेड़ का फिर से अपने मूल स्थान पर खड़ा होना ग्रामीणों के लिए चमत्कार से कम नहीं है। लेकिन इस पेड़ के मूल स्वरुप मे खड़ा होना ग्रामीणों के लिए पहेली बन गया है। वहीं वन विभाग पेड़-पौधों के इस गुण को स्वाभाविक मान रहा है।
 Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।

