दीपावली पर देवी लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में किया जाना चाहिए। प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में पूजन करना सर्वोत्तम माना गया है।
इस दौरान जब वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि लग्न में उदित हों तब माता लक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए, क्योंकि ये चारों राशि स्थिर स्वभाव की होती हैं। मान्यता है कि अगर स्थिर लग्न के समय पूजा की जाए तो माता लक्ष्मी अंश रूप में घर में ठहर जाती है।
इसके अलावा दीपावली पर महानिशीथ काल के दौरान भी पूजन का विशेष महत्व है लेकिन यह समय तांत्रिक, पंडित और साधकों के लिए ज्यादा उपयुक्त होता है। इस काल में मां काली की पूजा का विधान है। उल्लेखनीय है तांत्रिकों या साधकों के केवल उन्हीं जातकों को इस समय पूजन करना चाहिए जो महानिशिथ काल के बारे में जानकारी रखते हों।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
