महापर्व दिवाली का आगाज हो चुका है। 27 अक्टूबर, रविवार को देवी लक्ष्मी की पूजा का दिन है, जिसे महालक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इसी तिथि पर समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थी। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार देवी लक्ष्मी जहां निवास करती हैं, वहां धन और अन्न की कमी नहीं रहती है। आज हम आपको एक धार्मिक प्रसंग के आधार पर बताएंगे कि देवी लक्ष्मी किन लोगों के घरों में निवास करती हैं और किन लोगों के घरों से दूर रहती हैं। इस प्रसंग में मां लक्ष्मी ने देवराज इंद्र को बताया है कि उन्हें कैसा घर पसंद है और कैसा नहीं।
मां लक्ष्मी ने इंद्रदेव से कहा जिस स्थान पर प्रेम की जगह ईर्ष्या और क्रोध हो। अधार्मिक, दुर्गुण और बुरी आदतें (शराब, तंबाकु, मांसाहार) हो वहां मैं नहीं रह सकती हूं। दूषित वातावरण में मेरा निर्वाह नहीं हो सकता है।
मां ने इंद्र से कहा जो लोग गुरु, माता-पिता और बड़ों का सम्मान नहीं करते, मैं उनके वहां निवास नहीं करती हूं। ऐसे लोग मेरी कृपा दृष्टि से काफी दूर रहते हैं।
इंद्रदेव से मां लक्ष्मी कहती हैं, जो स्त्रियां परपुरुषों पर ध्यान लगाती हैं और अधार्मिक कृत्य करती हैं। अपने सास ससुर और पति का आदर नहीं करती हैं, वहां मेरा वास नहीं होता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
