रविवार को दिन बहुत ही मंगलकारी होता है। दरअसल महारी पृथ्वी सौरमंडल का एक प्रमुख ग्रह है और सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं। दूसरी ओर धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यता में भी सूर्य का प्रभाव बहुत ही अधिक माना जाता है। सूर्य देव से जातक को यश, कीर्ति, उत्तम स्वास्थ्य, आयु का वरदान मिलता है। जातक सूर्य उपासना कर तेजस्वी होता है। सूर्य की उपासना के लिए यूं तो कई तरीके हैं लेकिन कुछ ऐसे तरीके  हैं जो बेहद आसान हैं।
इन तरीकों से हमारे शरीर का सूर्य मंडल भी विकसित होता है जिससे सूर्यनारायण प्रसन्न होकर हमें उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। भगवान सूर्य की रश्मियों से हमें ऊर्जा के साथ तेज मिलता है। वहीं ये रश्मियां सकारात्मकता का निर्माण भी करती हैं। इन तरीकों में एक तरीका है भगवान सूर्य को प्रतिदिन अध्र्य दिया जाना। यदि प्रतिदिन अध्र्य न दिया जा सके तो रविवार को जरूर अध्र्य दें। अध्र्य देने के लिए एक तांबे के कलश या लोटे में शुद्ध जल भरकर उसमें लाल कुमकुम डालें और फिर सूर्य देव को अध्र्य दें। यह अध्र्य यदि उदित होते सूर्य को दें। जिस समय सूर्य देव एक गोलाकार आकृति में स्पष्ट तौर पर आंखों से देखे जा सकते हैं यदि रक्त वर्णी सूर्य को अध्र्य दे सकें तो यह बेहद उत्तम है।
एक और तरीका है गायत्री मंत्र का जप या फिर मनन करना। जी हां, मंत्रों में अद्भुत शक्ति होती है। ये मंत्र पूरी तरह से वैज्ञानिक आधार पर सृजित किए जाते हैं। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि मैं ही गायत्री हूं। इस माध्यम से भगवान सूर्य और भगवान श्रीकृष्ण की आराधना होती है। गायत्री मंत्र सावित्र मंडल अर्थात सूर्य मंडल का ही मंत्र है। इसमें ऊं, र्भू, भूवस्वः का अलग – अलग अर्थ है। ऐसे में यह बहुत ही शक्तिदायक होता है और यह लोककल्याणकारी है। सूर्य देव इस मंत्र के उच्चारण से प्रसन्न होते हैं।
सूर्य नमस्कार – धार्मिक मान्यता के अनुसार उदित होते सूर्य देव के सामने सूर्य नमस्कार करने से तेज, औज और कीर्ति का विकास होता है। व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है तो दूसरी ओर शरीर में सूर्य मंडल का विकास होता है जिससे परिस्थितियां अनुकूल बनती हैं। धार्मिक मान्यता में जब भगवान सूर्य रक्तवर्णी हों या इनकी रश्मियां हल्की हों तब इसे करने से बहुत लाभ मिलता है।
 Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
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