आप सभी को पता ही होगा आज नवरात्रि का आखिरी दिन है और इस दिन को नवमी का दिन कहा जाता है. इस दिन माता सिद्धिदात्री का पूजन होता है. इसी के साथ आज राम नवमी भी है यानी आज भगवान राम का भी पूजन करना है. ऐसे में राम नवमी के दिन कई भक्त हैं जो उपवास रखते हैं और राम नवमी की व्रत कथा सुनने के बाद उपवास खोलते हैं.
आप सभी को बता दें कि इस संसार के पालनहार भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्रीराम (जो पुरुषोत्तम का प्रतीक है) का इस दिन जन्म हुआ था. जी हाँ और इस पर्व को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान श्रीराम से जुड़ी अहम जानकारियां, जिनसे मानव जाति का हुआ था कल्याण. जी दरअसल भगवान श्री राम को मर्यादा का प्रतीक माना जाता है और उन्हें पुरुषोत्तम श्री राम के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है भगवान श्रीराम ने कभी भी स्त्री और पुरुष में भेद नहीं किया.
सदैव अपनी पत्नी के प्रति समर्पित और उनका सम्मान करते नजर आए हैं. इसी के साथ भगवान श्रीराम किसी भी जाति भेदभाव को नहीं मानते है. आप सभी को इसका उदाहरण बताए तो वह यह है कि शबरी के जूठे बेर को खाना. भगवान श्री राम शास्त्रों और वेदों के ज्ञाता है और समस्त लोको पर अपने पराक्रम का परचम लहराने वाले है. इसी के साथ लंकापति रावण के अहंकार के किले को ध्वस्त करके परम पराक्रमी और कलाओं में निपुण है. आपको बता दें कि श्री राम को मावा एवं पंजरी का भोग अति प्रिय है और रामनवमी के दिन को उन्हें यह चढ़ाया जाए तो आपका कल्याण हो सकता है.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।