Jaya Parvati Vrat 2020: हिंदी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी दिन से लेकर सावन माह में कृष्ण पक्ष की तृतीया तक जया पार्वती व्रत मनाया जाता है। तदनुसार, जया पार्वती व्रत आज से शुरू हो रहा है। जबकि इस व्रत का समापन 8 जुलाई को होगा। यह व्रत स्त्रियां अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति हेतु रखती हैं। इन पांच दिनों में मां पार्वती की पूजा उपासना की जाती है। इस व्रत के पुण्य फल से व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए, व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत विधि को जानते हैं-
जया पार्वती व्रत पूजा शुभ मुहूर्त
आज पूजा का शुभ मुहूर्त शाम में 7 बजकर 23 मिनट से लेकर रात के 9 बजकर 24 मिनट तक है। इसके अतिरिक्त व्रती अपने सुविधानुसार मां पार्वती की पूजा दिन में कर सकती हैं।
जया पार्वती व्रत महत्व
धार्मिक ग्रंथों में इस व्रत को वट सावित्री व्रत के समतुल्य बताया गया है। कालांतर में इस व्रत के पुण्य प्रताप से सत्या नामक ब्राह्मणी का पति सर्प दंश के बावजूद पुनर्जीवित हो उठा था। जबकि व्रत करने से ब्रह्माणी को सत्यवान पुत्र की प्राप्ति हुई थी। अतः विवाहित स्त्रियों को जया पार्वती व्रत जरूर करनी चाहिए।
जया पार्वती व्रत पूजा विधि
इस व्रत में पांचों दिन प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ़ सफाई करें। इसके पश्चात, नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत संकल्प लेकर भगवान भास्कर को जल का अर्घ्य दें।
तत्पश्चात, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा भांग, शर्करा, फल, गंगाजल, जनेऊ, इत्र, कुमकुम, पुष्पमाला, खस, शमी पत्र, रत्न-आभूषण, परिमल द्रव्य, इलायची, लौंग, सुपारी, पान मदार, धतूरा, गाय का दूध, चन्दन, रोली, मौली, चावल, कपूर, बेलपत्र, केसर, दही, शहद आदि से करें।
अंत में आरती कर मां से अखंड सौभाग्य की कामना करें। दिनभर उपवास रखें। शाम में पूजा-आरती कर फलाहार करें। व्रती चाहे तो एक दिन छोड़कर अथवा पहले और अंतिम दिन उपवास रख सकती हैं। जबकि मां की पूजा रोज करें।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।