शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। राजा हो या रंक, वे उसके कर्मों के अनुसार न्याय करते हैं। महाराष्ट्र के एक गांव में शनिदेव और उनकी न्यायप्रियता में लोगों का इतना दृढ़ विश्वास है कि वे घरों पर ताला भी नहीं लगाते।
श्रद्धालुओं का मानना है कि शनि शिंगणापुर गांव में आकर कोई व्यक्ति भी व्यक्ति स्वयं को भयमुक्त समझता है। यहां के राजा शनिदेव हैं। इस गांव में न कभी चोरी का डर है न जेब कटने की आशंका। यहां सैकड़ों सालों से घरों पर ताला न लगाने की परंपरा चली आ रही है।
तुरंत फल देते हैं शनिदेव
भक्तों का मानना है कि शिंगणापुर के शनिदेव तुरंत फल देते हैं। जो व्यक्ति यहां चोरी-डकैती या बदनीयत से आता है, उसे शनिदेव अतिशीघ्र कठोर दंड देते हैं। इसलिए यहां लोगों को कभी ताले लगाने की जरूरत महसूस नहीं हुई।
शनिदेव का यह धाम हजारों साल पुराना बताया जाता है। जो व्यक्ति शनिदेव की दृष्टि से पीड़ित है, उसे यहां आकर पूजन और नमन करने के बाद शुभ फल मिलने लगता है।
शनि शिंगणापुर के लोग घरों तथा अटैची पर भी ताला नहीं लगाते। उन्हें चोरी आदि का भी भय नहीं है। गांव के इतिहास के अनुसार, यहां आज तक कभी चोरी नहीं हुई।
गांव की सीमा पार नहीं कर सकता चोर
जो व्यक्ति चोरी करने का प्रयास करता है, शनिदेव उस पर प्रकोप करते हैं और उसका जीवन नर्क के समान बन जाता है। अतः ऐसे लोग चोरी-डकैती से दूर रहना ही बेहतर समझते हैं। माना जाता है कि जो व्यक्ति चोरी कर लेता है वह गांव की सीमा पार नहीं कर पाता। इससे पहले ही उस पर कोई अतिगंभीर संकट आ जाता है।
यह गांव महाराष्ट्र के अहमद नगर में स्थित है लेकिन इसकी पहचान शनिदेव के कारण है। यहां सिर्फ घरों में ही नहीं बल्कि दुकान, डाकघर और बैंक पर भी ताले नहीं लगाए जाते। यहां के लोगों का शनिदेव पर इतना अटूट विश्वास है कि उन्हें कभी ताला लगाने की जरूरत ही महसूस नहीं हुई।
गांव में शनिदेव की एक प्राचीन मूर्ति है। यहां शनिदेव खुले आसमान के नीचे विराजमान हैं। धूप हो छांव, सर्दी हो या गर्मी, वे सदा खुले आसमान के नीचे ही रहते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। यहीं हजारों लोग उनके नित्य दर्शन करने आते हैं। शनिवार और अमावस्या को यहां ज्यादा भीड़ रहती है।