अयोध्या भूमि पूजन से प्रफुल्लित सुनहरी रात के बाद सुनहरे सपनों की नई सुबह

रामनगरी में जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के भूमि पूजन से उल्लसित स्वर्णिम रात के बाद गुरुवार को हां सुनहरे सपनों का नया सवेरा हो चुका है। पौ फटने के साथ नगरी में हलचल शुरू हुई तो यहां के लोगों की आंखों में सूरज की रश्मियों की तरह अयोध्या के उज्ज्वल भविष्य के उम्मीद की किरणें टिमटिमाती दिखीं। आम जनमानस ही नहीं, यहां के गण्यमान्य लोगों के लिए यह स्वर्णिम सपनों का नया विहान है।

रामनगरी में रिकाबगंज स्थित आवास पर नगर विधायक वेदप्रकाश गुप्ता कार्यकर्ताओं के बीच इस नई सुबह के अहसास से उल्लासित मिलते हैं। पूछते ही कह पड़ते हैं, बुधवार को श्रीराम जन्मभूमि पर सिर्फ मंदिर का भूमिपूजन नहीं हुआ, बल्कि इससे अयोध्या की तस्वीर बदलने की शुरुआत भी हुई है। अब तक किसी भी सरकार में अयोध्या के विकास के लिए इतनी वृहत्तर योजनाएं नहीं बनाई गईं। वह 84 कोसी परिक्रमा पथ के निर्माण सहित तमाम योजनाएं गिनाने लगते हैं।

कुछ आगे बढ़ते ही अवध विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो. अशोक शुक्ल से मुलाकात होती है तो नगरी के भविष्य पर बात छिड़ जाती है। वह कहने लगते हैं कि राममंदिर निर्माण से रामनगरी का आर्थिक तंत्र भी तेजी से विकसित होगा। पर्यटन उद्योग के सभी आयामों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होना तय है। इससे रोजगार की नई संभावनाएं विकसित होंगी। होटल इंडस्ट्री, फूड इंडस्ट्री और रियल स्टेट कारोबार में नई का भी विकास होगा।

बातों के बीच समाजसेवी भागीरथ पचेरीवाला शामिल हो जाते हैं। वह बोलते हैं कि जन्मभूमि पर राममंदिर के भूमिपूजन ने सभी विवादों को खत्म कर दिया है। ऐसे में अयोध्यावासियों में भी विश्वास जगा है कि अब निश्चित रूप से कुछ ही वर्षों में रामनगरी का स्वरूप बदल जाएगा। ढांचागत विकास में तेजी आएगी। वहीं, अधिवक्ता पीयूष रंजन भूमिपूजन को अयोध्यावासियों के लिए विकास के नए युग का सूत्रपात बताते हैं। वह कहते हैं अयोध्या के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने जो योजनाएं बनाई हैं, वो निश्चित रूप से रामनगरी को नया स्वरूप देगी।

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