आप सभी जानते ही होंगे नवरात्रि का पर्व इन दिनों आरम्भ हो चुका है और हर कोई इस पर्व को एन्जॉय कर रहा है।वैसे नवरात्रि का पर्व 9 दिनों तक मनाया जाता है और नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजन होता है।ऐसे में आज नवरात्रि का चौथा दिन है और नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा देवी का पूजन होता है।वैसे आपको हम यह भी बता दें कि नवरात्रि का चौथा दिन माता कुष्मांडा को समर्पित है।अब आज हम आपको बताते हैं माता कुष्मांडा की पूजा विधि और उनका स्वरूप।
माता कुष्मांडा का स्वरूप – कुष्मांडा देवी को अष्टभुजा भी कहा जाता है।कहा जाता है इनकी आठ भुजाएं हैं और मां ने अपने हाथों में धनुष-बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, कमल और कमंडल धारण किया हुआ है।इसी के साथ एक और हाथ में मां के हाथों में सिद्धियों और निधियों से युक्त जप की माला भी है।वहीं इनकी सवारी सिंह है।
माता कुष्मांडा की पूजा विधि – सुबह के समय स्नान से निवृत्त होने के बाद मां दुर्गा के कूष्मांडा रूप की पूजा करें। अब इसके बाद पूजा में मां को लाल रंग का पुष्प, गुड़हल, या फिर गुलाब अर्पित करें। अब इसी के साथ ही सिंदूर, धूप, दीप और नैवेद्य चढ़ाएं। अब मां की पूजा आप हरे रंग के वस्त्र पहनकर करें तो अधिक शुभ माना जाता है। जी दरअसल ऐसा करने से आपके समस्त दुख दूर होते हैं।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।