चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य का संबंध विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्व विद्यलाय से था. चाणक्य इस विश्व विद्यालय में विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों की शिक्षा देते थे. चाणक्य एक शिक्षक होने के साथ साथ कई विषयों के विशेषज्ञ भी थी, चाणक्य अर्थशास्त्र के मर्मज्ञ थे, इसके साथ ही उन्हें समाजशास्त्र, नागरिक शास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति का भी विशेषज्ञ माना जाता है. इतना ही नहीं चाणक्य ने मनुष्य के जीवन को प्रभावित करने वाली भी हर छोटी-बड़ी चीज का अध्ययन किया था.
चाणक्य ने अपने इस अध्ययन के आधार पर पाया कि व्यक्ति मान- सम्मान को लेकर अधिक गंभीर और सजग रहता है. व्यक्ति के मन में यह अभिलाषा बहुत ही प्रबल होती है कि लोग या समाज उसे महत्व दे. इसलिए व्यक्ति समाज को प्रभावित करने के लिए हर प्रकार के जतन करता है. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति समाज या लोगों के बीच सम्मान पाना चाहता है या फिर लोकप्रिय होना चाहता है तो इन बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए.
समाने वाले की इज्जत करें
चाणक्य के अनुसार सम्मान पाने की पहली शर्त ये है कि आप सामने वाले व्यक्ति को भी उतना ही सम्मान दें, जितना आप दूसरों से उम्मीद रखते हैं. चाणक्य के अनुसार सम्मान देने से मिलता है. ऐसा नहीं होता कि आप दूसरों को दुत्कारें और सम्मान प्राप्त करें. सम्मान पाने के लिए आपको को भी दूसरों को महत्व देना होता है.
झूठ से बचें और बढ़ चढ़कर बातें न करें
चाणक्य के अनुसार लोकप्रिय होने के लिए कभी झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए. व्यक्ति की पहचान उसके कर्मों से ही होती है, इसलिए इसमें झूठ का मिश्रण नहीं होना चाहिए, क्योंकि झूठ से एक न एक दिन पर्दा उठ ही जाता है, जब लोगों को सच्चाई का पता चलता है तो शर्मिंदा होना पड़ सकता है.
परिश्रम और करूणा
चाणक्य के अनुसार समाज में वही सम्मान पाता है तो अपने कार्यों को पूरी ईमानदारी से करता है. सफलता के लिए परिश्रम पहली शर्त है. लेकिन इस सफलता को लंबे समय तक लोग याद रखें इसके लिए आपके भीतर करूणा का होना बहुत ही जरूरी है. करूणा व्यक्ति को निखारती है, करूणा से युक्त व्यक्ति के पास हर कोई जाना चाहता है उससे जुड़ना चाहता है.