इस दिन से शुरू होगा खरमास, जानें इस दौरान क्या करें, क्या न करें

हिन्दू पंचांग के अनुसार सूर्यदेव जब बृहस्पति की राशि धनु या मीन राशि में गोचर करते हैं तो इस अवधि को ही खरमास या मलमास कहते हैं. हिन्दू धर्म शास्त्रों में खरमास में कोई शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं. हालांकि इस दौरान कुछ विशेष प्रकार के नियम होते हैं जिन्हें करने से सूर्यदेव की विशेष कृपा होती है. इससे घर परिवार में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है. शरीर निरोगी बनती है. घर परिवार में शांति का वास होता है.

इस बार 14 मार्च को शाम 6.00 बजकर 4 मिनट पर सूर्यदेव मीन राशि में प्रवेश करेंगे और 14 अप्रैल को सुबह 2 बजकर 33 मिनट तक मीन राशि में रहेंगे. इस अवधि को खरमास या मलमास कहते हैं. खरमास या मलमास में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह कार्य, भूमि-पूजन, गृह-प्रवेश  आदि कार्य नहीं किये जाते हैं. जानिए खरमास के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं-

खरमास के दौरान  करें यह काम

  • खरमास के दौरान वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, मुंडन, तिलकोत्सव आदि मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान ऐसा करने से अशुभ फल की प्राप्ति होती है.
  • खरमास में चारपाई का त्यागकर जमीन पर सोना चाहिए. मन जाता है कि इससे सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है.
  • खरमास में थाली आदि में भोजन नहीं करना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. इस दौरान पत्तल में भोजन करना शुभकारी माना गया है.
  • खरमास के दौरान लोंगों को किसी प्रकार की लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए और नहीं झूठ बोलना चाहिए.
  • ऐसी मान्यता है कि खरमास के दौरान किसी प्रकार के मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.

खरमास के दौरान क्या– क्या करें

  • हिन्दू धर्म ग्रन्थों के मतानुसार खरमास के दौरान सूर्यदेव की विधि पूर्वक उपासना करनी चाहिए. ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा बरसती है जिससे तरक्की और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
  • खरमासया मलमास में भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है. माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है. जिससे घर परिवार में धन की वृद्धि होती है.
  • खरमास के दौरान गरीब ब्राह्मण, गुरु, गाय और साधुओं की सेवा करनी चाहिए. हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
  • खरमास में सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान, संध्या आदि करके भगवान का स्मरण करना चाहिए और सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. इससे सूर्य देव की कृपा से सेहत अच्छी रहेगी और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी.
  • इस दौरान तुलसी की पूजा करनी चाहिए. शाम को तुलसी के पौधे पर घी का दीपक जलना चाहिए. इससे जीवन की समस्याएं कम होती है.
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