यहां भस्म हुआ था भगवान शिव के क्रोध से कामदेव

kameshwar5-1441702800उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में स्थित कामेश्वर धाम का संबंध एक विशेष घटना से है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव ने कामदेव को भस्म किया था। उस घटना के चिह्न आज भी यहां मौजूद हैं।

जब शिव ने क्रोधित होकर कामदेव को भस्म कर दिया तो उस दौरान आम का एक पेड़ भी उसकी ज्वाला से बच नहीं सका। आज भी उस पर जलने के निशान देखे जा सकते हैं। 

उसी पेड़ की ओट में कामदेव ने शिव को निशाना बनाया था। कामदेव द्वारा शिव पर कामबाण चलाने के पीछे भी एक कथा है। जब देवी सती ने अपने पति भगवान शिव के अपमान से दुखी होकर यज्ञकुंड में प्राण त्याग दिए तो शिवजी के तांडव से पूरी सृष्टि में हाहाकार मच गया। तब देवताआें ने शिव का क्रोध शांत किया और शिवजी इस स्थान पर आकर समाधि में लीन हो गए।

 

उसी दौरान तारकासुर ने भयंकर उत्पात मचाना शुरू कर दिया। उसके खात्मे के लिए जरूरी था कि शिव का पुत्र ही उसका संहार करे लेकिन शिवजी तो तपस्या में लीन थे। तब देवताओं ने कामदेव को राजी किया और उसने शिवजी को समाधि से बाहर लाने के लिए अनेक प्रयास किए।

 जब उसके सभी प्रयास निष्फल सिद्ध हुए तो कामदेव ने आम के पत्तों के पीछे छुपकर शिवजी पर पुष्पबाण चलाया। इससे शिव की समाधि भंग हो गई लेकिन उन्हें भयंकर क्रोध भी आ गया। उन्होंने अपनी क्रोधाग्नि से कामदेव को भस्म कर दिया। इस स्थान का धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्व है। कहा जाता है कि यहां दर्शन-पूजन से मन के विकार और पाप मिट जाते हैं।

 

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